लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ‘दागी चेहरा’ बताया. उन्होंने कहा कि एसपी दागी चेहरे के नाम पर प्रदेश की जनता से वोट मांग रही है.



एसपी और बीजेपी की अंदरूनी मिलीभगत


मायावती ने अपने 61वें जन्मदिन पर कहा, ‘‘एसपी और बीजेपी की अंदरूनी मिलीभगत के चलते अपराधी, भ्रष्टाचारी, सांप्रदायिक तत्व और जंगलराज देखने को मिल रहा है. चोरी, डकैती, लूट, अपहरण, हत्या, महिला उत्पीड़न, सरकारी व गैर सरकारी जमीनों पर कब्जे तथा सांप्रदायिक वारदात हो रही है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘एसपी परिवारवाद का समर्थन करने वाली और एक विशेष समुदाय एवं विशेष क्षेत्र की ही पार्टी है. साथ ही यह गुंडों, माफियाओं, अराजक तत्वों, भ्रष्टाचारियों और सांप्रदायिक तत्वों की खास पार्टी मानी जाती है. पूरे प्रदेश में ऐसे लोगों का जंगलराज चल रहा है. लेकिन यहां खास ध्यान देने की बात यह है कि अब इस सरकार के ऐसे दागी चेहरे, अखिलेश के नाम पर इस पार्टी और उनके साथ गठबंधन करने जा रही कांग्रेस के लोग भी प्रदेश की जनता से चुनाव में वोट मांग रहे हैं .. ऐसे दागी चेहरे के नाम पर.’’


मायावती ने कहा कि एसपी के शासनकाल में मुजफ्फरनगर, दादरी, बुलंदशहर गैंगरेप और मथुरा जैसे भीषण कांड हुए. बहन बेटियों की अस्मत लूटी गयी. ‘‘इसके स्थान पर जनता बीएसपी के ऐसे बेदाग चेहरे को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहती है, जिसके सत्ता में आते ही एसपी के सभी गुंडे, माफिया, सांप्रदायिक तत्व चूहों के बिलों में छिप जाते हैं या उत्तर प्रदेश छोड़कर बाहर के प्रदेशों में भाग जाते हैं. अत: इन सब बातों को ध्यान में रखकर प्रदेश की जनता को अपने हित में सही और उचित फैसला लेना होगा.’’



मायावती ने सादगी से मनाया जन्मदिन


बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज अपना 61वां जन्मदिन पूरी सादगी से मनाया. पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे ‘जन कल्यणकारी दिवस’ के रूप में मनाया. मायावती ने इस मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मेरे जन्मदिन को पूरे देश भर में बीएसपी के लोगों ने एसपी सरकार की तरह शाही अंदाज में नहीं मनाया और ना ही हम उनकी तरह प्रदेश की गरीब जनता का धन पानी की तरह बहाते हैं. पूरे देश में हमारी पार्टी के लोगों ने आज भी और यहां तक कि बीएसपी के सत्ता में रहने के दौरान भी मेरा जन्मदिन हमारे महान संतों, गुरूओं और महापुरूषों खासकर ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और कांशीराम की सोच व मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए इसे विभिन्न स्तर पर जनकल्याण दिवस के रूप में मनाया है.’’



मायावती ने कहा कि इन महापुरूषों के बताये हुए रास्ते पर चलकर उन्होंने उनकी सोच और आंदोलन को आगे बढाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया है. लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब तीनों राज्यों में विधानसभा के चुनाव घोषित होने की वजह से चुनाव आचार संहिता का पूरा पालन व सम्मान करते हुए इस बार हमारी पार्टी के लोग लाख चाहते हुए भी अपने अपने क्षेत्रों में वर्तमान में नोटबंदी की वजह से और भी ज्यादा परेशान चल रहे सर्वसमाज में खासकर गरीब, कमजोर, लाचार और बीमार जरूरतमंद लोगों की किसी भी रूप में आर्थिक मदद नहीं कर पा रहे हैं.


उन्होंने कहा कि इन तीनों राज्यों में बीएसपी के लोग बहुत सादगी से यहां उनका जन्मदिन मना रहे हैं. ‘‘लेकिन इसके साथ साथ यहां मैं इन तीनों राज्यों को छोड़कर बाकी पूरे देश में जहां हमारी पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है वहां मैं अपनी पार्टी के लोगों से अपील करती हूं कि वे मेरा जन्मदिन पूर्व की तरह अपने क्षेत्र में खासकर नोटबंदी के सीजन में भी अपनी सामथ्र्य देखते हुए गरीब, कमजोर, लाचार, जरूरतमंद आदि की विभिन्न रूपों में आर्थिक मदद कर इसे जन कल्याणकारी दिवस के रूप में ही मनायें.’’