अमेठी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रहार करते हुए कहा कि सिर्फ नफरत फैलाने वाले इन दोनों ही संगठनों के देश की आजादी में योगदान के नाम पर बताने के लिये कुछ नहीं है. इन्होंने देश को ना तो महात्मा गांधी दिया और ना ही सरदार पटेल.
‘ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा’
राहुल ने अपने अमेठी में आयोजित चुनावी सभाओं में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को बांटने और तोड़ने की राजनीति कर रहे हैं. जाति को जाति से और धर्म को धर्म से लड़ाना मोदी की आदत बन गयी है. वह उत्तर प्रदेश में भी यही कर रहे हैं. उन्होंने ‘ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा’ गीत का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा वाला हिन्दुस्तान कभी नहीं बना सकेंगे.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि देश की आजादी में अविस्मरणीय योगदान करने वाले महापुरषों में से किसी का भी वास्ता बीजेपी या संघ से नहीं था. चाहे महात्मा गांधी हों, सरदार पटेल हों या फिर भगत सिंह. बीजेपी और संघ के पास बताने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने सरदार पटेल का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी पार्टी की राजनीति के लिये महान विभूतियों को बांटने का काम ना करें.
अमेठी और रायबरेली की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं
राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनो लोग उन्हें बहुत कुछ कहते रहते हैं. यह सब उन्हें मंजूर है लेकिन अमेठी और रायबरेली की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले मोदी खुश थे लेकिन प्रदेश में एसपी और कांग्रेस का गठबंधन होने के बाद उनका चेहरा बदल गया है और वह नफरत फैलाने की राजनीति करने लगे हैं.
राहुल ने फिर आरोप लगाया कि मोदी ने देश के 50 अमीर परिवारों को एक लाख 40 हजार करोड़ रपये का कर्ज दे दिया, लेकिन उन्हें वे गरीब किसान नहीं दिखायी दिये. वह चाहते तो उनका कर्ज माफ कर सकते थे, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि मोदी ने उद्योगपति विजय माल्या को 1200 करोड़ रपये दे दिये और यह धनकुबेर लन्दन भाग गया.
अमेठी में फूड पार्क परियोजना को रद्द किये जाने का मुद्दा
राहुल ने कहा कि मोदी जहां भी जाते हैं, एक नया वादा कर देते हैं. वह हमेशा झूठे वादे करते हैं और युवाओं तथा गरीबों के सपनों को तोड़ते हैं. उन्होंने अमेठी में फूड पार्क परियोजना को रद्द किये जाने का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने यहां फूड पार्क नहीं बनने दिया. अगर यहां इसकी स्थापना होती तो 10 हजार लोगों को रोजगार मिलता और क्षेत्र के लाखों किसानों को फायदा होता.