हाईकोर्ट की फटकार के बाद अतीक अहमद गिरफ्तार, 14 दिनों के लिए भेजे गए जेल

इलाहाबाद: समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद अतीक अहमद को इलाहाबाद पुलिस ने आखिरकार आज गिरफ्तार कर लिया. उन्हें दो महीने पहले इलाहाबाद की शियाट्स एग्रीकल्चर डीम्ड यूनिवर्सिटी में हथियारबन्द गुर्गों के साथ घुसकर मारपीट करने व धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किया गया है.
अदालत ने की अतीक की अर्जी नामंजूर
इलाहाबाद पुलिस ने अतीक की गिरफ्तारी हाईकोर्ट की कड़ी फटकार के बाद की है. पुलिस ने अतीक को आज दोपहर नैनी इलाके से गिरफ्तार किया. शाम को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने अतीक की अर्जी नामंजूर करते हुए उन्हें चौदह दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया. अतीक को इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया है.
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मजिस्ट्रेट को कल ही उन्हें जमानत दिए जाने के मामले में सुनवाई नही करने का आदेश दिया था. उम्मीद जताई जा रही है कि अतीक अहमद को अब कम से कम चुनाव तक जेल में ही रहना होगा. अतीक को जेल भेजे जाने की वजह से इलाहाबाद और आसपास की सीटों पर चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
टीचर्स और स्टाफ के साथ मारपीट
गौरतलब है कि नक़ल के मामले में बर्खास्त किये गए दो छात्रों की पैरवी करने के लिए अतीक अहमद पिछले साल चौदह दिसंबर को पचास से साथ हथियारबंद गुर्गों के साथ इलाहाबाद की शियाट्स एग्रीकल्चर डीम्ड युनिवर्सिटी पहुंचे थे. वहां अतीक के साथ गए लोगों ने टीचर्स व स्टाफ के साथ मारपीट की थी और उन्हें धमकियां दी थीं. इस मामले में अतीक और उनके साथ गए लोगों के खिलाफ इलाहाबाद के नैनी पुलिस स्टेशन में डकैती, मारपीट व बलवा करने समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया था.
सत्ता पक्ष का नेता व उस वक्त समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार होने की वजह से पुलिस ने तकरीबन दो महीने बीतने के बाद भी अतीक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी. इस बीच शिकायतकर्ता शियाट्स डीम्ड युनिवर्सिटी के प्राक्टर राम किशन सिंह ने अपनी जानमाल के खतरे का अंदेशा जताते हुए खुद की सुरक्षा की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की.
खुद ही सारे मामलों की मॉनिटरिंग करने का फैसला
चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस के रवैये पर गहरी नाराज़गी जताई और अतीक की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई. कल दस फरवरी को हाईकोर्ट ने अतीक की हिस्ट्रीशीट व हरेक मुकदमो के ट्रायल की प्रोग्रेस रिपोर्ट मंगा ली और खुद ही सारे मामलों की मॉनिटरिंग करने का फैसला किया.
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अतीक ने नौ फरवरी को सरेंडर की अर्जी दी, लेकिन हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट को उन्हें सरेंडर करने पर जमानत के लिए देने पर सुनवाई नहीं करने का आदेश दिया. हाईकोर्ट की इसी सख्ती के बाद पुलिस ने आज अतीक को गिरफ्तार कर लिया, जहाँ से अदालत ने उन्हें चौदह दिनों की ज्यूडिशयल कस्टडी में जेल भेज दिया. वैसे चर्चा यह भी है कि अतीक ने नैनी थाने जाकर खुद ही अपने को पुलिस के हवाले कर दिया था.
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