लखनऊ: यूपी चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. एसपी के चार विधायकों ने आज पार्टी का दामन छोड दिया. पार्टी छोडने वालों में एक वरिष्ठ नेता और एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी भी शामिल हैं.
एसपी प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय ही लडेंगे चुनाव
मुलायम के करीबी विधान परिषद सदस्य और मंत्री रहे अंबिका चौधरी ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती की मौजूदगी में उनकी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. लंबे समय से अंतर्कलह का सामना कर रही एसपी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कल 210 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी. एटा में बगावत है और वहां वर्तमान विधायक आशीष यादव एसपी को छोड़ गये. उन्होंने कहा कि वह एसपी प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय ही लडेंगे.
विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के बेटे हैं आशीष यादव
एटा सदर से विधायक आशीष विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के बेटे हैं. आशीष का आरोप है कि रामगोपाल यादव ने उन्हें टिकट नहीं दिया. साथ ही आरोप मढा कि रामगोपाल अपने बेटे और बहू को यादव सिंह मामले में बचाने के लिए बीजेपी के दबाव में काम कर रहे हैं. रामगोपाल ने ही एसपी का कांग्रेस और आरएलडी से गठबंधन नहीं होने दिया.
एसपी ने कल एटा सदर सीट से जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह यादव को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया है. आशीष को शिवपाल यादव का नजदीकी समझा जाता है. पार्टी की अंतर्कलह और घमासान के दौरान आशीष ने रामगोपाल की खुलकर आलोचना की थी. दो अन्य विधायक रामपाल यादव और रामवीर सिंह भी एसपी का दामन छोड गये. रामपाल सीतापुर की बिसवां तो रामवीर फिरोजाबाद की जसराना सीट से वर्तमान में विधायक हैं.
एसपी छोड़ चुके रामवीर का दावा, कई वर्तमान विधायक भी हो जाएंगे अलग
इस बीच लोकदल प्रमुख सुनील सिंह ने पुष्टि की कि एसपी छोडने वाले विधायक उनकी पार्टी से चुनाव लडेंगे. सुनील सिंह ने ही मुलायम सिंह यादव को अपनी पार्टी का चुनाव निशान और नाम देने की पेशकश की थी. लखनऊ में अवैध निर्माण ढहाये जाने के बाद निष्कासित हुए रामपाल को वापस पार्टी में ले लिया गया था और मुलायम खेमे ने उन्हें टिकट भी दिया था लेकिन कल घोषित सूची में उनका नाम गायब है. एसपी छोड़ चुके रामवीर का दावा है कि निकट भविष्य में एसपी से और कई वर्तमान विधायक भी अलग हो जाएंगे.
मुलायम के अत्यंत करीबी समझे जाने वाले वरिष्ठ नेता अंबिका चौधरी बीएसपी में शामिल हो गये. चौधरी यहां एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बीएसपी सुप्रीमो मायावती की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए. चौधरी को उनकी पारंपरिक विधानसभा सीट बलिया के फेफना से टिकट का वायदा किया गया है. इस सीट पर हालांकि वह 2012 में हार गये थे और बाद में एसपी ने उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाया था.
एसपी से ज्यादा दिया जाएगा आदर सम्मान
मायावती ने कहा, ‘‘मैंने इन्हें (चौधरी) पार्टी में लिया है और उन्हें यहां एसपी से ज्यादा आदर सम्मान दिया जाएगा. साथ ही बलिया जिले की उनकी पुरानी सीट से ही विधानसभा चुनाव लडाया जाएगा.’’ चौधरी ने कहा, ‘‘मैंने एसपी की प्राथमिक सदस्यता और उससे संबंधित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. मैं पूरी तरह समर्पित होकर बीएसपी के साथ आगे की राजनीति में, जो दिशानिर्देश पार्टी और बहनजी :मायावती: का होगा, उसके लिए खुद को समर्पित करता हूं.’’