इलाहाबाद: साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाडा परिषद ने पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को बड़ा झटका देने का मन बनाया है. अखाड़ा परिषद ने बीजेपी पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के वायदे से मुकरने का आरोप लगाते हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को वोट नहीं देने और उसके विरोध की तैयारी भी कर ली है.


लोगों की भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करना


परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. इतना ही नहीं धर्मांतरण, गौ हत्या, गंगा प्रदूषण और धारा 370 समेत बाकी मुद्दों पर भी कोई ठोस नतीजा देखने को नहीं मिला है. ऐसे में साफ़ है कि बीजेपी की मंशा मंदिर निर्माण की नहीं है और वह इसे सिर्फ चुनावी मुद्दा बनाकर एक बार फिर लोगों की भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करना चाहती है.


महंत नरेंद्र गिरि के मुताबिक़ अखाड़ों के साधु-संत बीजेपी के इस रवैये से बेहद निराश और दुखी हैं, इसी वजह से उन्होंने यूपी समेत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं करने और उसका विरोध करने का फैसला किया है. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का दावा है कि विरोध के स्वरुप को तय करने और इस चुनाव में आम जनता को भी जागरूक करने की रणनीति तय करने के लिए जनवरी के आख़िरी हफ्ते में इलाहाबाद में लगे माघ मेले में अखाड़ों के पदाधिकारियों, दूसरे साधु-संतों व धर्माचार्यों की बैठक भी की जाएगी.


साधु-संतों को अब बीजेपी पर कतई भरोसा नहीं


महंत नरेंद्र गिरि के मुताबिक़ साधु-संतों को अब बीजेपी पर कतई भरोसा नहीं रह गया है, इसलिए राम मंदिर निर्माण की पहल से पूर्व वह इस बार न तो उसके वायदे के झांसे में आएंगे और न ही जाति-धर्म के आधार पर वोट पड़ने की किसी मुहिम का समर्थन करेंगे. महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि साधु-संत इस बार विकास के मुद्दे पर वोट करेंगे और जनता से भी यही अपील करेंगे कि वह अपने-अपने राज्य में सबसे बेहतर विकास करने में समझ आने वाली पार्टियों को ही वोट करें, लेकिन मंदिर और हिंदुत्व के दूसरे मुद्दों पर बीजेपी के बहकावे में कतई न आएं.


महंत नरेंद्र गिरि ने आरोप लगाया कि केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से देश से गौमांस का निर्यात काफी बढ़ गया है. उनका आरोप है कि चुनाव के वक्त भावुकता वाली बातें करने वाले पीएम मोदी भी गौ हत्या रोकने के लिए कोई कदम नही उठा रहे हैं.


विकास के मुद्दे पर नहीं बल्कि हिंदुत्ववादी छवि के आधार पर वोट


महंत नरेंद्र गिरि का यह भी दावा है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में साधु-संतों व हिंदूवादी वोटरों ने पीएम मोदी के विकास के मुद्दे पर नही बल्कि उनकी हिंदुत्ववादी छवि के आधार पर वोट किया था, क्योंकि सभी को यह उम्मीद थी कि मोदी पीएम बनने के बाद राम मंदिर व दूसरे मुद्दों पर लोगों की भावनाओं के मुताबिक़ काम करेंगे. अगर अखाड़ा परिषद दूसरे साधु संतों को साथ लेकर अपने इस फैसले को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश करेगा तो बीजेपी को इन चुनावों में बड़ा झटका लग सकता है.