लखनऊ: यूपी का सियासी दंगल शुरु हो चुका है. पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ कुछ दिन ही बचे हैं. ऐसे में तमाम राजनीतिक दल चुनावी रण में अपने-अपने दांव-पेंच के साथ उतर चुके हैं. सियासत के इस अखाड़े में कौन किसे पटखनी दे दे ये शायद कोई नहीं जानता है लेकिन इस चुनावी रण में कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर जरुर लग गई है.

पश्चिमी यूपी में कई ऐसे दिग्गज नेता हैं, जिन पर अपनी साख बचाने का दबाव है. इनमें से कुछ नेताओं पर अपनी सीट निकालने का दबाव है, तो कुछ पर अपने करीबियों को जीत दिलाने का. इतना ही नहीं यह चुनाव पश्चिमी यूपी में राजीनीतिक दलों के कई दिग्गजों का राजनीतिक कद तय करेगा. आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही दिग्गज नेताओं के बारे में जिनकी साख दांव पर है...

मेरठ में लक्ष्मीकांत वाजपेयी की रफीक और पंकज से टक्कर

पश्चिमी यूपी की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में एक है मेरठ की सीट. इस सीट पर बीजेपी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दिग्गज नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी को पार्टी की कमान सौपी है तो वहीं सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी ने रफीक अंसारी को अपना उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी और एसपी को कड़ी टक्कर देने के लिए बहुजन समाज पार्टी ने पंकज जौली को टिकट दिया है. मेरठ के वर्तमान समीकरणों की बात करें तो तीनों ही प्रत्याशी एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं.

नोएडा में सुनील चौधरी और रविकांत मिश्रा हैं पंकज सिंह की चुनौती

यूपी के मिशन 2017 की लड़ाई में नोएडा सीट भी अब काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिसके चलते गौतमबुद्ध नगर की नोएडा सीट यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके राजनाथ सिंह के लिए भी साख का विषय बन गई है. आपको बता दें कि इस सीट पर जहां समाजवादी पार्टी ने सुनील चौधरी पर दांव चला है तो वहीं बीएसपी ने रविकांत मिश्रा को टिकट देकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है.

मथुरा में प्रदीप माथुर और योगेश द्विवेदी हैं श्रीकांत शर्मा की अड़चन

मथुरा के वृंदावन विधानसभा सीट से बीजेपी ने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा को मैदान में उतारा है. वृंदावन सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता श्रीकांत शर्मा के रास्ते में एक तरफ कांग्रेस के प्रदीप माथुर तो वहीं दूसरी तरफ बीएसपी के योगेश द्विवेदी अड़चन साबित हो सकते हैं. इतना ही नहीं श्रीकांत शर्मा को यहां राष्ट्रीय लोक दल के अशोक अग्रवाल से भी कड़ी चुनौती मिलेगी. आपको बता दें कि कांग्रेस से गठबंधन के बाद समाजवादी पार्टी ने इस सीट से अपना प्रत्याशी वापस ले लिया है.

राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय बीजेपी के युवा चेहरे श्रीकांत शर्मा पर भी खुद की सीट से जीत पक्की करने का दबाव होगा. वह पहली बार मथुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जीत के बाद ही उनकी आगे की राजनीतिक दिशा तय होगी. इनका मुकाबला कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर से है.

संगीत सोम को सरधना में मिलेगी अतुल प्रधान और मो. इमरान से टक्कर

विवादों से घिरे रहने वाले बीजेपी नेता संगीत सोम की साख भी दांव पर लगी हुई है. भारतीय जनता पार्टी ने संगीत सोम को मेरठ की सरधना सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर जहां समाजवादी पार्टी ने अतुल प्रधान को तो वहीं बहुजन समाज पार्टी ने मोहम्मद इमरान को अपना उम्मीदवार बनाया है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी और हुकुम सिंह के अलावा संगीत सोम पर भी अपनी सीट के साथ ही अन्य सीटों पर पार्टी को जिताने का दारोमदार होगा.

इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पोते संदीप उर्फ संजू पर भी चुनावी पारी का आगाज जीत के साथ करने की चुनौती होगी. कल्याण की बदौलत वह विधानसभा का टिकट पाने में तो कामयाब हो गए, लेकिन उनकी साख भी दांव पर है.

पश्चिमी यूपी में चलता था किसान और मुसलमान का समीकरण

इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस, एसपी और बीएसपी के अलावा दूसरे दलों के दिग्गजों पर भी अपनी साख बचाने का दबाव है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जमाने में किसान और मुसलमान का समीकरण पश्चिमी यूपी में चलता था. हालांकि साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद आरएलडी के मुखिया चौधरी अजित सिंह और उनके पुत्र जयंत सिंह की ताकत बिखर गई.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 11 फरवरी को होगा. पहले चरण में पश्चिमी यूपी के 15 जिलों की कुल 73 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. इनमें से 51 सीटें सीधे तौर पर जाट मतदाता प्रभावित करने का दम रखते हैं. इन सभी सीटों पर 22 हजार से लेकर एक लाख 28 हजार तक मतदाता हैं. लेकिन कांग्रेस और एसपी के बीच गठबंधन के कारण इन इलाकों में जीत हासिल करने का दबाव भी काफी बढ़ जाएगा.

जानें पहले चरण में किन-किन विधानसभा सीटों पर होगी वोटिंग ?

क्रमांक    जिले का नाम विधानसभा सीट
1 शामली कैराना, थाना भवन और शामली
2 मुजफ्फरनगर बुढ़ाना, चरथावल, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर, खतौली और मीरापुर
3 बागपत बागपत, छपरौली और बड़ौत
4 मेरठ सिवालखास, सरधना, हस्तिनापुर, किठोर, मेरठ कैंट, मेरठ और  मेरठ साउथ
5 गाजियाबाद लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद और  मोदी नगर
6 गौतमबुद्धनगर नोएडा, दादरी और जेवर
7 हापुड़ धौलाना, हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर
8 बुलंदशहर सिकंदराबाद, स्याना, अनूपशहर, देबाई, शिकारपुर, खुर्जा और बुलंदशहर
9 अलीगढ खैर, बरौली, अतरौली, छर्रा, कोइल, अलीगढ़ और  इगलास
10 मथुरा छाता, मांट, गोवर्धन, मथुरा और बलदेव
11 हाथरस हाथरस, सादाबाद, सिकंदर राव
12 आगरा एतमादपुर, आगरा कैंट, आगरा साउथ, आगरा नॉर्थ, आगरा ग्रामीण, फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, फतेहाबाद औऱ बाह
13 फिरोजाबाद टूंडला, जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद और सिरसागंज
14 एटा अलीगंज, एटा, मरहरा औऱ जलेसर
15 कासगंज कासगंज, अमनपुर और पटियाली