लखनऊ: वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई शहरों में बीजेपी के टिकट वितरण को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. शुक्रवार को काशी आये यूपी बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या को भी गुस्साए कार्यकर्ताओं ने नहीं बख्शा. कार्यकर्ताओं ने खुलकर पार्टी नेतृत्व पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाया.


बीजेपी नेतृत्व को भी इस बात का अंदाज़ा है कि दादा को किनारे लगाने से उसको खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है. शायद इसीलिए शुक्रवार को काशी आये प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद सीधा बनारस की तंग गलियों में रहने वाले दादा के घर पहुँच गए. नाराज दादा को मौर्या ने आश्वासन दिया है कि पार्टी भविष्य में उनका सम्मान बढ़ाएगी.


वाराणसी दक्षिण सीट पर आम जनता में भी रोष


वैसे तो कई सीटों पर टिकटों को लेकर कार्यकर्ताओं में रोष है. लेकिन एक सीट ऐसी है, जहाँ कार्यकर्ताओं के साथ साथ आम जनता भी बीजेपी के फैसले से हैरान है. यह सीट है वाराणसी दक्षिण. यहाँ से दादा के नाम से मशहूर श्यामदेव रॉय चौधरी लगातार 7 बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं.


शहर के लिए श्याम देव राय चौधरी अनजान चेहरा नहीं है. श्याम देव राय चौधरी वाराणसी की शहर दक्षिणी सीट के मौजूदा विधायक हैं. लोगों के लिये एक चुनाव जीतना मुश्किल होता है लेकिन चौधरी इस सीट पर 7 बार से विधायक हैं. 77 साल के बुजुर्ग श्याम देव राय चौधरी को पूरा शहर प्यार से दादा कहता है. लेकिन अचानक बीजेपी ने दादा दादा का पत्ता साफ़ कर बार काउंसिल के अध्यक्ष रहे नीलकंठ तिवारी पर विश्वास जताया है.


कौन हैं दादा ?


आज के दौर में जब विधायक बनने वाला व्यक्ति लाव लश्कर और पूरे तामझाम के साथ घूमता है तो वहीं दादा आज भी पैदल, रिक्शा या आटो रिक्शा में घूमते देखा जा सकता है. 1968 में एक सभासद के तौर पर अपना सियासी सफर शुरू करने वाला दादा आज भी हर दल के लिये सबसे बड़ी चुनौती हैं. लेकिन बीजेपी ने उनके साथ जो किया, उससे ना सिर्फ दादा और पार्टी कार्यकर्ता बल्कि आम जनता में भी रोष है.


आपको बता दें कि श्यामदेव राय चौधरी को 1985 में अपने पहले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन दादा ने इस हार से सबक लिया. अब वो लगातार इस इलाके की रहनुमाई करते आए हैं. लोग इनकी सादगी के कायल हैं.


श्यामदेव राय चौधरी ने आज तक कभी नहीं ली सुरक्षा 


सरकारी गार्ड्स मुहैया कराए जाने के बाद भी श्यामदेव राय चौधरी ने आज तक कभी सुरक्षा नहीं ली. वो अकेले ही घूमते हैं, बिना किसी डर के बिना किसी खौफ के. काशी में कभी वो किसी चाय की दुकान पर लोगों की समस्याएं निपटाते नजर आते हैं तो कभी अपने घर पर.


हालांकि शहर में एक तबका ऐसा भी है जो श्यामदेव राय चौधरी की मुखालफत करता है. उसका मानना है कि दादा बेशक बार बार चुनाव जीतते रहे हैं लेकिन क्षेत्र के विकास में उनकी भागीदारी नहीं रही है. छह बार विधायक रहने के बाद वो इलाके का विकास नहीं करा पाए हैं.