यूपी चुनाव में बना रिकॉर्ड, आजादी के बाद पहली बार विधानसभा में दस्तक देंगी 40 महिला विधायक
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. इस बार के चुनाव में महिलाओं का बेहतर प्रतिनिधित्व है और 40 महिला प्रत्याशी विजयी रहीं, जिनमें से सबसे अधिक 35 बीजेपी और उसके सहयोगी दल की हैं.
बीजेपी ने सबसे अधिक 43 महिलाओं को दिया टिकट
विधानसभा की 403 सीटों के लिए राजनीतिक दलों ने 96 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे. बीजेपी ने सबसे अधिक 43 महिलाओं को टिकट दिया. बीजेपी और सहयोगी अपना दल की सबसे अधिक 35 महिलाएं चुनाव जीती हैं. बीएसपी और कांग्रेस से दो-दो और समाजवादी पार्टी से एक महिला प्रत्याशी विजयी रहीं.
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड को देखें तो पता चलता है कि साल 1985 में 31 महिलाएं चुनाव जीती थीं लेकिन 1989 में आंकड़ा घटकर 18 रह गया. यह आंकड़ा 1991 में घटकर 10 पर जा पहुंचा. साल 1993 में 14 महिलाएं चुनाव जीतीं, जबकि 1996 में 20 और 2002 में 26 महिलाओं ने चुनाव जीता. बात अगर साल 2007 की करें तो महिलाओं की संख्या घटकर तीन रह गयी. हालांकि एक महिला (मायावती) नेता सदन थीं. साल 2012 में 35 महिलाएं चुनाव में विजयी रहीं.
बीएसपी ने इस बार केवल 20 महिलाओं को बनाया प्रत्याशी
बीएसपी ने इस बार केवल 20 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया, जबकि साल 2012 में इसने 33 महिलाओं को टिकट दिये थे. जबकि समाजवादी पार्टी ने 22 और कांग्रेस ने 11 महिलाओं को साल 2017 में उम्मीदवार बनाया. एसपी ने 2012 में 34 महिलाओं को टिकट दिये थे, जिनमें से 22 जीत गयी थीं.
इस बार चुनाव जीतने वाली खास महिलाओं में अमेठी से गरिमा सिंह, सरोजिनीनगर से स्वाति सिंह, लखनऊ कैण्ट से रीता बहुगुणा जोशी, बाह से रानी पक्षालिका सिंह का नाम शामिल है. ये सभी बीजेपी के टिकट पर सियासी दंगल में उतरी थीं. जबकि रामपुर खास से कांग्रेस की आराधना मिश्र ‘मोना’ और रायबरेली से अदिति सिंह का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं.