यूपी चुनाव: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में नहीं होगा गठबंधन!
लखनऊ: मैच और सियासत में कब क्या हो जाए, इसका अनुमान लगाना काफी मुश्किल होता है! यूपी की सियासत में भी शनिवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. सूत्रों की मानें तो अब यूपी चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन नहीं होगा.
यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि कांग्रेस सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि गठबंधन टूटने के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है.
आपको बता दें कि 16 जनवरी को समाजवादी पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह 'साइकिल' को लेकर चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद एसपी और कांग्रेस के गठबंधन की अटकलें तेज हो गई थीं. कांग्रेस की तरफ से गुलाम नबी आजाद ने दोनों पार्टियों के गठबंधन का ऐलान भी कर दिया था लेकिन आज इस गठबंधन पर पूर्ण विराम लग गया है.
कांग्रेस ने एसपी के 99 सीटों के ऑफर को ठुकराया
सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी गठबंधन के तहत कांग्रेस को महज 99 सीट ही ऑफर कर रही थी लेकिन कांग्रेस ने एसपी के इस ऑफर को ठुकरा दिया. जिसपर अखिलेश ने कहा फिर तो गठबंधन नहीं हो सकता है.
कांग्रेस की तरफ से किसी बड़े नेता ने नहीं की बातचीत
उच्चस्थ सूत्रों की मानें तो एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव इस बात से नाराज थे कि कांग्रेस के तरफ से गठबंधन की बातचीत सीदे तौर पर ना होकर दूतों के जरिए की जा रही थी. हालांकि बीच में एक बार अखिलेश यादव की प्रियंका गांधी के साथ सीधे तौर पर बातचीत हुई थी लेकिन इसके बाद कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने गठबंधन को लेकर उनसे बातचीत नहीं की.
कांग्रेस को 85+14 सीटों का ऑफर
अखिलेश यादव गठबंधन को लेकर काफी गंभीर थे. इसलिए अखिलेश कांग्रेस के साथ गठबंधन पर पार्टी के किसी दूसरे नेता को शामिल ना करके खुद ही सीटों को लेकर बात कर रहे थे. अखिलश की तरफ से गठबंधन में पहले कांग्रेस को 85+14 सीटों का ऑफर दिया गया लेकिन बाद में कांग्रेस की तरफ से डिमांड बढ़कर 120 सीट पर पहुंच गई क्योंकि कांग्रेस गठबंधन में आरएलडी को भी शामिल करना चाहती थी. लेकिन बाद में जब अखिलेश की तरफ से कांग्रेस खेमे को यह समझाया गया कि आरएलडी के साथ गठबंधन नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए बात सिर्फ एसपी और कांग्रेस के गठंबधन पर ही सिमट गई.
कांग्रेस की तरफ से सीटों को लेकर बढता गया दवाब
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की तरफ से अचानक सीटों को लेकर एसपी पर दवाब बढता गया. जिसके चलते दोनों पार्टियों में गठबंधन पर संकट के बाद मंडराने लगे. ऐसा कहा जा रहा है कि अब कोई चमत्कार ही इस गठबंधन को बचा सकता है.