कानपुर: कानपुर शहर की तीन प्रमुख विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच पेंच गहरा फंस गया है. वैसे शहर की पांचों सीटों पर समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार पहले से ही उतार दिये हैं लेकिन कांग्रेस का दावा है कि समझौते के तहत शहर की तीन सीटों कैंट, किदवईनगर और गोविंदनगर पर वह चुनाव लड़ेगी.


कैंट सीट से एसपी ने पहले दिया था अतीक अहमद को टिकट


इन तीन सीटों में से किदवईनगर से कांग्रेस के मौजूदा विधायक अजय कपूर हैं जबकि गोविंदनगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को पिछले 2012 के विधानसभा चुनाव में दूसरा नंबर मिला था. कैंट की सीट पर कांग्रेस को पिछले चुनाव में तीसरा स्थान मिला था. कैंट सीट से एसपी ने पहले अतीक अहमद को टिकट दिया था, लेकिन बाद में वहां से हसन रूमी को प्रत्याशी बनाया गया. रूमी ने अपना नामांकन भर दिया है.


रूमी का कहना है, ‘‘पार्टी ने मुझे चुनाव चिन्ह दिया है और मैंने नामांकन के साथ अपना प्रचार जोर-शोर से शुरू कर दिया है.’’ यह पूछने पर कि कांग्रेस ने यहां से अपना उम्मीदवार उतारा है और उनका दावा है कि यह सीट एसपी-कांग्रेस गठजोड़ में कांग्रेस के हिस्से में आई है, रूमी ने कहा, ‘‘मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि यह सीट किस गठजोड़ में आई है. मैं एसपी का अधिकृत उम्मीदवार हूं और मैं चुनाव लड़ रहा हूं बस.’’


ओमप्रकाश मिश्रा को बनाया फिर से उम्मीदवार


किदवई नगर सीट से एसपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे ओमप्रकाश मिश्रा को फिर से उम्मीदवार बनाया है और उन्होंने वहां से नामांकन भी दाखिल कर दिया है. लेकिन इस सीट पर कांग्रेस के निर्वतमान विधायक अजय कपूर अपनी दावेदारी ठोकते हुये नामांकन पत्र भर चुके हैं.


मिश्रा ने बताया, ‘‘हम समाजवादी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार हैं और हम अपना प्रचार कर रहे हैं. हमें नहीं मालूम कि गठबंधन में कौन सी सीट कांग्रेस के हिस्से आयी है.’’ गोविंदनगर सीट पर समाजवादी पार्टी के योगेश कुशवाहा अपने प्रचार में लगे हैं जबकि कांग्रेसियों का दावा है कि गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के अंबुज शुक्ला को मिली है. इस सीट पर भी भ्रम की स्थिति है.