लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ 20 दिन का ही समय बचा है. हालांकि यूपी में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों का प्रचार करने के लिए मुलायम सिंह यादव मान गए हैं लेकिन अभी भी कांग्रेस के साथ एसपी के गठबंधन का पेंच फंसा हुआ है.
यूपी में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं. समाजवादी पार्टी इनमें से कम से कम 300 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अखिलेश के करीबी किरनमय नंदा के मुताबिक यूपी में एसपी 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जबकि 103 सीटें कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों को दी जाएगी.
इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने यह भी साफ कर दिया कि वह यूपी चुनाव में चौधरी अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के साथ गठबंधन नहीं करेगी. हालांकि एसपी का कहना है कि कांग्रेस 103 सीटों में से जिसको चाहे उतनी सीटें दे सकती है.
गठबंधन में सीटों को लेकर पेंच सोमवार शाम से ही फंसा हुआ है. इसे लेकर अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव कई राउंड मीटिंग भी कर चुके हैं. दरअसल मुलायम ने भी अखिलेश को 38 नामों की एक लिस्ट दी है. मुलायम चाहते हैं कि अखिलेश अपनी लिस्ट में इन नामों को भी शामिल कर लें. लेकिन सूत्रों की मानें तो इनमें से कई नाम ऐसे हैं जिनपर अखिलेश को एतराज है. तो वहीं उस लिस्ट में दो नाम ऐसे भी हैं जिनपर रामगोपाल यादव को भी आपत्ति है.
आपको बता दें कि गठबंधन में अभी भी कई ऐसी चीजें हैं जिनका हल होना बाकी है. दरअसल अमेठी और रायबरेली में 10 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से अधिकांश सीट कांग्रेस मांग रही है जिन्हें समाजवादी पार्टी देने के लिए तैयार नही है.
इतना ही नहीं इसके साथ ही लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को चुनाव लड़ना है, तो वहीं रामपुर के स्वार सीट से एसपी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री आजम कान के बेटे को चुनाव लड़ना है. लेकिन अभी भी इन दोनों सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है.