लखनऊ: उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसे लेकर ‘सस्पेंस’ बरकरार है. इसे तय करने के लिए कल यानी 16 मार्च को प्रस्तावित बैठक संभवत: ना हो. मुख्यमंत्री पद की शपथ होगी तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसमें शामिल होंगे. मोदी क्या 17 मार्च को लखनऊ आ रहे हैं, इस सवाल पर उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के महानिरीक्षक राम कुमार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के 17 मार्च को लखनऊ आने की संभावना है. प्रत्याशा में तैयारी चल रही है और सुरक्षा इंतजाम की निगरानी स्वयं महानिरीक्षक (लखनऊ जोन) कर रहे हैं.’


यूपी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ?


बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने हालांकि स्पष्ट किया कि 16 मार्च को कोई बैठक प्रस्तावित नहीं थी इसलिए नवनिर्वाचित विधायकों की ऐसी किसी बैठक का सवाल ही नहीं उठता है. अगले दो-चार दिन में तस्वीर साफ हो जाएगी. मौर्य इन सवालों को टाल गये कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. उन्होंने कहा, ‘‘जो भी उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनेगा, बीजेपी से होगा.’’ कुछ नवनिर्वाचित विधायकों ने बताया कि कल कोई बैठक होनी है, इस बारे में उन्हें आधिकारिक रूप से कोई सूचना नहीं है.


पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में मुख्यमंत्री को लेकर ‘सस्पेंस’ बरकरार


कैसरगंज से नवनिर्वाचित विधायक मुकुट बिहारी ने कहा, ‘‘मैं लखनऊ में हूं लेकिन जहां तक नवनिर्वाचित विधायकों की कल की बैठक का प्रश्न है, मुझे आधिकारिक रूप से कोई सूचना नहीं है.’’ देवरिया से विधायक जनमेजय सिंह ने कहा कि कल की बैठक को लेकर उन्हें पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में मुख्यमंत्री को लेकर ‘सस्पेंस’ बरकरार है. एक वर्ग चाहता है कि राजनाथ सिंह अगले मुख्यमंत्री बनें. कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा, ‘‘राजनाथ जी का एक लाभ है कि वह राजनीतिक दलों के बीच समान रूप से स्वीकार्य हैं. उनके अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते हैं.’’


मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे ऊपर चल रहा है राजनाथ सिंह का नाम


केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे ऊपर चल रहा है. वह पहले भी उत्तर प्रदेश की कमान संभाल चुके हैं. वह अनुभवी हैं और लोकप्रिय भी. कुछ का कहना है कि राजनाथ केन्द्र छोडकर उत्तर प्रदेश नहीं आएंगे लेकिन कुछ ये भी मानते हैं कि पार्टी का फैसला होगा तो वह यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं.


रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का नाम भी चर्चा में है. वह भूमिहार हैं, पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं. समर्पित कार्यकर्ता की छवि रखने वाले सिन्हा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य भी मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी की पसंद हो सकते हैं. मौर्य ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है. वह अत्यंत पिछड़े वर्ग का चेहरा भी हैं.


योगी आदित्य नाथ के नाम की चर्चा भी जोरों पर


बीजेपी के तेज तर्रार नेता और गोरखपुर से सांसद 44 साल के योगी आदित्य नाथ के नाम की चर्चा भी जोरों पर है लेकिन उनकी कट्टर हिन्दुत्व वाली छवि आड़े आ सकती है. लखनऊ के मेयर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. वह ब्राहमण हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा का नाम भी चर्चा में है. वह मथुरा विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं. कई का हालांकि मानना है कि 46 साल के शर्मा के पास अनुभव की कमी है.


लाल बहादुर शास्त्री के पोते सिद्धार्थ नाथ सिंह का भी नाम


कुछ पार्टी नेता सुरेश खन्ना के नाम को भी उपयुक्त मान रहे हैं. वह 7 बार से विधायक हैं और जमीन से जुडे समर्पित कार्यकर्ता हैं. लाल बहादुर शास्त्री के पोते सिद्धार्थ नाथ सिंह का नाम भी मुख्यमंत्री पद के नामों में है. वह इलाहाबाद पश्चिम सीट से चुनाव जीते हैं. इससे पहले केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उमा भारती के नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए उछल चुके हैं.