लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर टिकी हैं और तमाम नये पुराने चेहरों को लेकर अटकलबाजी जारी है. केन्द्र और राज्य के दो इंजनों की मदद से ‘अच्छे दिन’ लाने का वायदा करने वाली बीजेपी के विधायक दल की राजधानी में बैठक होने के साथ ही पार्टी संभवत: 16 मार्च तक मुख्यमंत्री पद के लिए नाम तय कर लेगी.


मुख्यमंत्री पद के लिए जोरों से चल रहा है राजनाथ सिंह का नाम


केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए जोरों से चल रहा है. राजनाथ पहले भी उत्तर प्रदेश की कमान संभाल चुके हैं. वह अनुभवी हैं और लोकप्रिय भी. कुछ का कहना है कि राजनाथ केन्द्र छोडकर उत्तर प्रदेश नहीं आएंगे लेकिन कुछ ये भी मानते हैं कि पार्टी का फैसला होगा तो वह यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं.


गोवा में मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. वह केन्द्र में रक्षा मंत्री थे, जिसका अतिरिक्त प्रभार वित्त मंत्री अरूण जेटली को सौंपा गया है. राजनाथ अगर उत्तर प्रदेश आये तो केन्द्र में कैबिनेट रैंक के मंत्री का एक और पद रिक्त होगा.


रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का नाम भी चर्चा में है. वह भूमिहार हैं, पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं. समर्पित कार्यकर्ता की छवि रखने वाले सिन्हा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी हैं.


योगी आदित्य नाथ के नाम की चर्चा भी जोरों पर


बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य भी मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी की पसंद हो सकते हैं. 47 साल के मौर्य ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है. वह अत्यंत पिछड़े वर्ग का चेहरा भी हैं. बीजेपी के तेज तर्रार नेता और गोरखपुर से सांसद योगी आदित्य नाथ के नाम की चर्चा भी जोरों पर है लेकिन उनकी कट्टर हिन्दुत्व वाली छवि आड़े आ सकती है.


लखनऊ के मेयर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. वह ब्राह्मण हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा का नाम भी चर्चा में है. वह मथुरा विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं. कई का हालांकि मानना है कि 46 वर्षीय शर्मा के पास अनुभव की कमी है.


कुछ पार्टी नेता सुरेश खन्ना के नाम को भी उपयुक्त मान रहे हैं. वह आठ बार से विधायक हैं और जमीन से जुड़े समर्पित कार्यकर्ता हैं. लाल बहादुर शास्त्री के पोते सिद्धार्थ नाथ सिंह का नाम भी मुख्यमंत्री पद के नामों में है. वह इलाहाबाद पश्चिम सीट से चुनाव जीते हैं. इससे पहले केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उमा भारती के नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए उछल चुके हैं.


उत्तर प्रदेश में बीजेपी नीत सरकार राज्य को नई दिशा देगी: अनुप्रिया पटेल


केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में बनने जा रही बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार राज्य को नई दिशा देगी और अपराध और भ्रष्टाचार से मुक्त प्रशासन मुहैया कराएगी.


अनुप्रिया ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की जनता ने बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को ऐतिहासिक जनादेश दिया है. जनता को बहुत उम्मीदें हैं. हम इस जनादेश के लिए जनता का आभार प्रकट करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘आगामी सरकार राज्य को नई दिशा देगी और अपराध और भ्रष्टाचार से मुक्त प्रशासन मुहैया कराएगी’’


अपना दल (एस) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, ‘‘अनुप्रिया पटेल के निर्देश पर कल लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद रहेंगे. इसमें नवनिर्वाचित विधायकों का परिचय कराया जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि कल शाम पार्टी विधायक दल का नेता भी चुना जाएगा. इन कार्यक्रमों में अनुप्रिया पटेल भी मौजूद रहेंगी.


गौरतलब है कि राज्य की 403 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी नीत गठबंधन को 325 सीटें मिली हैं जिनमें अपना दल (एस) के नौ विधायक शामिल हैं.