लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की कमान और चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर दावा खोने के बाद मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव खेमा फिलहाल बैकफुट पर है. मुलायम के आवास पर मंगलवार दोपहर हुई बैठक में फैसला लिया गया कि यह खेमा कोई अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगा और न ही अदालत की शरण लेगा.


अब अपने प्रत्याशी नहीं उतारेंगे मुलायम-शिवपाल


एसपी सूत्रों के मुताबिक, मुलायम-शिवपाल अब अपने प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. सर्वसम्मति से अखिलेश यादव को ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने और इस 'फैमिली ड्रामे' का पटाक्षेप कर देने पर सहमति बनी. बैठक में नारद राय, ओमप्रकाश सिंह और अन्य करीबी नेता भी मौजूद थे.


मुलायम के आवास घर पर चली उच्चस्तरीय बैठक में तय किया गया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का अब कोई विरोध नहीं किया जाएगा और न ही निर्वाचन आयोग के फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी. यह खेमा अखिलेश या एसपी के किसी नेता के खिलाफ कोई प्रत्याशी भी नहीं उतारेगा.


शिवपाल ने अखिलेश को सौंपी 38 प्रत्याशियों की एक सूची


सूत्र बताते हैं कि इस बीच शिवपाल ने 38 प्रत्याशियों की एक सूची पार्टी अध्यक्ष अखिलेश को सौंपी है, जिसमें मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव और शिवपाल के बेटे आदित्य यादव के नाम भी हैं.


गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से फैसला आने से पहले ही ऐलान किया था कि पार्टी को बचाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि वह अखिलेश यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ सकते हैं. यही नहीं, चुनाव चिन्ह न मिलने की स्थिति में अदालत की शरण लेने की बात भी कही थी.


असमंजस में हैं शिवपाल खेमे के उम्मीदवार


इधर, चुनाव चिन्ह 'साइकिल' मिलने के बाद अखिलेश की बनाई सूची के उम्मीदवारों की खुशी दोगुनी हो गई है, जबकि शिवपाल खेमे के उम्मीदवार असमंजस में हैं. यूं तो शिवपाल ने 394 उम्मीदवार घोषित किए थे, लेकिन इनमें 178 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्हें अखिलेश की सूची में भी जगह मिली है.


एसपी सूत्रों के अनुसार, 'साइकिल' मिल जाने की वजह से ये लोग अखिलेश के पाले में जा सकते हैं. लेकिन शिवपाल खेमे के 217 उम्मीदवारों के सामने असमंजस की स्थिति बनी हुई है. मुलायम अपनी तरफ से भी कुछ प्रत्याशियों की सूची अखिलेश को सौंप सकते हैं, जिनमें ऐसे बड़े नेताओं और मंत्रियों के नाम शामिल होंगे, जिनका टिकट अखिलेश ने काटा है.


अखिलेश यादव अब तक 236 और शिवपाल 394 उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं. अखिलेश की सूची में 58 उम्मीदवार ऐसे हैं जो शिवपाल की सूची में नहीं थे. यानी उनके 178 उम्मीदवार कॉमन हैं.