(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी में सरकारी गोशाला का हाल : चारा काटने की मशीन खराब, पानी की व्यवस्था नहीं
लखनऊ : बैंक खाते में 31 लाख रुपये, 383 एकड़ जमीन फिर भी दम तोड़ रही है 'गोमाता'. जी हां, आज हम आपको यूपी के शाहजहांपुर की एक ऐसी सरकारी गोशाला के बारे में बता रहे हैं जहां बदइंतजामी और लापरवाही की वजह से गायों की मौत हो रही है. ये उस राज्य में हो रहा है जहां के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ बड़े गोभक्त हैं. खुद गाय पालते हैं और गाय की सेवा करते हैं.
गाय के शव को ट्रैक्टर से बांधकर घसीटा जाता है
यहां गाय के शव को ट्रैक्टर से बांधकर घसीटा जाता है क्योंकि 'गो सदन' के पास कोई दूसरा इंतजाम नहीं है. असल में शाहजहांपुर का गो सदन, गायों की सेवा करने की बजाए उनकी मौत का कारण बन रहा है. जबकि, इसकी स्थापना इसलिए की गई थी, ताकि बीमार और असहाय गायों की अच्छे से देखभाल हो सके.
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शायद ही ऐसी कोई गाय हो जिसके शरीर की हड्डी न दिख रही हों
लेकिन, वास्तविकता ठीक इसकी उल्टी है. यहां शायद ही ऐसी कोई गाय हो जिसके शरीर की हड्डी न दिख रही हों. गो सदन के बैंक अकाउंट में 31 लाख रुपये पड़े हैं लेकिन लालफीताशाही के चक्कर में पैसे गायों के लिए खर्च नहीं हो पा रहे हैं. गायों के लिए चारा काटने वाली मशीन लंबे वक्त से खराब पड़ी है.
जितनी जमीन है वहां हरी घास का नामों-निशान नहीं है
गोसदन के पास 383 एकड़ जमीन है, लेकिन ज्यादातर पर भूमाफियाओं का कब्जा है. जितनी जमीन है वहां हरी घास का नामों-निशान नहीं है. जानकार हैरानी होगी कि इस गो सदन में पानी के लिए इंतजाम तक नहीं है. अधिकारियों का कहना है कि सबमर्सिबल के लिए उन्होंने लिखकर दिया है. अब देखना है कि सरकार इसका संज्ञान लेती है या नहीं.
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