लखनऊ: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को लोकसभा चुनाव में हार के बाद पहली बार अमेठी आ रहे हैं. उनके दौरे से ठीक पहले अमेठी में पोस्टर वार शुरू हो गया है. अमेठी में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें संजय गांधी अस्पताल को लेकर राहुल गांधी से जवाब मांगा गया है. पोस्टरों में लिखा गया है 'न्याय दो, न्याय दो, मेरे परिवार को न्याय दो, दोषियों को सजा दो. इस अस्पताल में जिंदगी बचाई नहीं, गंवाई जाती है. पीड़ित परिवार.'


बता दें कि बीते 25 अप्रैल को 'आयुष्मान भारत' योजना के कार्ड धारक मुसाफिरखाना के सरैया तालिके दादरा निवासी नन्हेलाल मिश्रा को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था जिनका 26 अप्रैल को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मृतक के बेटे रोहित मिश्र ने पिता की मौत पर अस्पताल प्रसाशन व चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया था.


जिला प्रशासन द्वारा इसकी जांच भी कराई गई थी, जिसमें अस्पताल के तीन चिकित्सक दोषी पाए गए थे. इसके बाद से कार्रवाई नहीं हुई थी. राजीव गांधी चौरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संजय गांधी अस्पताल संचालित होता है. राहुल गांधी इस अस्पताल के मुख्य ट्रस्टी हैं.



कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज गौरीगंज के निर्मला इंस्टीट्यूट ऑफ वीमेन एजूकेशन एंड टेक्नोलॉजी में दोपहर 12 से तीन बजे तक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. बैठक में राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में हुई हार की समीक्षा करेंगे. राहुल गांधी की समीक्षा बैठक में जिले से लेकर ग्राम स्तर के पदाधिकारियों को बुलाया गया है.


राहुल के आने से एक दिन पूर्व मंगलवार को एसपीजी के अफसरों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान एसपीजी ने पार्टी नेताओं व प्रशासनिक अफसरों को सुरक्षा से जुड़े आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.


जिलाध्यक्ष योगेंद्र मिश्र ने बताया कि बैठक को लेकर उनकी ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है. राहुल गांधी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर बात करेंगे.


जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से राहुल की सुरक्षा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. कार्यक्रम स्थल पर प्रशासनिक अफसर व पुलिस बल की ड्यूटी भी लगा दी गई है.


यूपी: बुलंदशहर डीएम के यहां CBI का छापा, अवैध खनन पट्टे बांटने का आरोप


यूपी: योगी सरकार का नया फ़ैसला, छुट्टा गोवंश पालने के बदले मिलेंगे 900 रूपये


यूपी: बीजेपी सरकार के झूठे दावों का मीटर चालू, लेकिन अस्पतालों में बत्ती गुल- प्रियंका गांधी