नोएडा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर कानून की अनेदखी कर अपने “चापलूसों” को पुरातत्व की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण इमारतों के बगल में जमीन आवंटित करने का शनिवार को आरोप लगाया.
हालांकि प्रधानमंत्री ने ग्रेटर नोएडा में जनसभा के दौरान ये आरोप लगाते हुए किसी खास पार्टी या खास जमीन का जिक्र नहीं किया.
मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की मौजूदगी में ग्रेटर नोएडा में एक पुरातत्व संस्थान का उद्घाटन किया.
वाराणसी के संबंध में उन्होंने कहा, “आपमें से जो वाराणसी गए हैं वे वहां की तंग गलियों की कल्पना कर सकते हैं, पता नहीं वहां भगवान की क्या स्थिति होगी. जब वहां के लोगों ने मुझे सांसद के तौर पर चुना तो मैंने वहां कुछ करने का फैसला किया.”
मोदी ने कहा, “अब आप वहां जाएंगे और देखेंगे कि हमने भोले बाबा (काशी विश्वनाथ मंदिर) से लगने वाली करीब 300 संपत्तियों का अधिग्रहण किया है और मैं यह देखकर अचंभित था कि इमारतें गिराने के दौरान घरों के भीतर से मंदिर निकल रहे थे.”
उन्होंने जनसभा से कहा, “लोगों नें दीवारें खड़ी कर मंदिरों को अपने घर में बदल दिया, शयनकक्ष बना लिए और यहां तक कि उन पर किचन भी बना दिए. इन घरों से पुरातत्व के उत्कृष्ट उदाहरण, 200 से 300 साल पुराने 40 मंदिर निकले.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये नतीजे इस बात के गवाह हैं कि 2014 से पहले पुरातत्व विभाग चला रहे लोग किस कदर नींद में थे.