23 मई को आए लोकसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया है. कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ख़ुद अमेठी से चुनाव हार गए हैं. मोदी लहर में सवार बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ एक बार फिर केंद्र में सरकार बन गई.
राहुल गांधी ने यूपी की ज़िम्मेदारी प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी थी जहां सिर्फ़ सोनिया गांधी एक सीट जीत पाई. ख़ुद राहुल गांधी भी चुनाव हार गए.
अमेठी पर एक नजर
गांधी परिवार की परंपरागत संसदीय सीट अमेठी इस बार के आम चुनाव में बीजेपी के पास चली गई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए हैं. बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने उन्हें 55,120 वोटों से परास्त कर इस सीट पर भगवा परचम लहरा दिया है.
अमेठी लोकसभा सीट को कांग्रेस का अभेद्य किला माना जाता रहा है. इस सीट पर इससे पहले 16 चुनाव और दो उपचुनाव हुए हैं. इनमें से कांग्रेस ने यहां 16 बार जीत दर्ज की है. 1977 में लोकदल और 1998 में बीजेपी को यहां से जीत मिली थी. यहां से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी सांसद रहे हैं और अब यह सीट स्मृति की हो गई है.
अमेठी लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें अमेठी जिले की तिलोई, जगदीशपुर, अमेठी और गौरीगंज सीटें शामिल हैं. जबकि रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा सीट भी अमेठी में आती है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पांच सीटों में से चार पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी और महज एक सीट समाजवादी पार्टी (सपा) को मिली थी.
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