लखनऊ: यूपी की योगी मंत्रिमंडल में कभी भी फेरबदल हो सकता है. स्वतंत्र देव सिंह को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने से एक और सीट ख़ाली हो जाएगी. वे यूपी के परिवहन मंत्री भी हैं. एक व्यक्ति, एक पद के फ़ार्मूले पर उन्हें जल्द ही मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ सकता है. कहा जा रहा है कि विधानसभा उप-चुनाव से पहले ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाए. राज्य में 12 सीटों पर उप चुनाव होने हैं.
दो दिनों पहले ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली आए थे. यहां अमित शाह के घर पर बैठक हुई. बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा और संगठन महामंत्री बी एल संतोष भी मीटिंग में बुलाए गए. इस बैठक में यूपी में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर लंबी चर्चा हुई. किसका नाम फ़ाइनल हुआ और किसका पत्ता कट गया, इस बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है.
यूपी सरकार के तीन मंत्री चुनाव जीत कर सांसद बन गए हैं. रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद से, सत्यदेव पचौरी कानपुर से और एसपी सिंह बघेल आगरा से सांसद चुने गए हैं. इसके अलावा ओम प्रकाश राजभर मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जा चुके हैं. सरकार और बीजेपी के ख़िलाफ़ लगातार आरोप लगाने के कारण योगी ने उनकी छुट्टी कर दी थी. वे सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. इन चार मंत्रियों के विभाग दूसरे सहयोगियों में बॉंट दिए गए.लेकिन ये तो अस्थायी इंतज़ाम है.
मुख्यमंत्री समेत इस समय मंत्रिमंडल में 43 सदस्य हैं. जबकि कोटा 60 का है. इसीलिए अभी दर्जन भर मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस पार के विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का ख़याल रखा जाएगा. पिछली बार अकेले लखनऊ से ही डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा समेत 5 लोग मंत्रिमंडल में रखे गए. किसी गुर्जर नेता को मंत्री नहीं बनाया गया. संगठन में अच्छा काम करने वाले दो तीन नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. जिन मंत्रियों का काम काज बड़ा ख़राब रहा है, उनमें से एक-दो को हटाए जाने की भी चर्चा है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के घर पर हुई बैठक में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर बहुत कुछ तय हो चुका है. सिर्फ़ एलान होना बाक़ी है. अभी यूपी में एक सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम भी हैं.
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