कानपुर: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों का बंटवारा प्रदेश के दोनों प्रभारियों के बीच कर चुके हैं. यूपी ईस्ट प्रभारी प्रियंका गांधी को 41 लोकसभा सीटों का प्रभार और यूपी वेस्ट प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया को 39 लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है. कानपुर बुंदेलखंड में 10 लोकसभा सीटें है. जिसमें से प्रियंका गांधी के पास 4 और ज्योतिरादित्या सिंधिया के पास 6 लोकसभा सीटों का प्रभार है. राहुल गांधी ने बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश ईस्ट और वेस्ट प्रभारियों के लिए 5 सचिव के नामों की घोषणा की है. उन्होंने 5 सचिवों के बीच 80 लोकसभा सीटो का बंटवारा भी कर दिया है.


राहुल गांधी ने यूपी ईस्ट पआभारी प्रियंका की 41 लोकसभा सीटों के लिए सचिव बाजीराव खाड़े और सचिन नायक को सचिव पद की जिम्मेदारी सौपी है. वहीं यूपी वेस्ट प्रभारी ज्योतिरादित्या सिंधिया की 39 लोकसभा सीटों के लिए राणा गोस्वामी, धीरज गुर्जर, रोहित चौधरी को सचिव पद दिया गया है.


कानपुर बुंदेलखंड के सचिवों के बीच सीटों का बंटवारा
कानपुर बुंदेलखंड की झांसी, हमीरपुर, बांदा, जालौन की लोकसभा सीटों की प्रभारी प्रियंका गांधी हैं. प्रियंका के सचिव बाजीराव खाडे झांसी, हमीरपुर, बांदा और जालौन लोकसभा सीटों का काम काज देखेंगे. वही ज्योतिरादित्या सिंधिया के सचिव कानपुर, अकबरपुर, कन्नौज, फर्रुखाबाद, ईटावा, लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी संभालेंगे. मिश्रिख लोकसभा सीट का काम धीरज गुर्जर के पास है.


लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो मोदी लहर में कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटों में से 09 सीटों पर कमल खिला था. कन्नौज की एक मात्र सीट सपा के हाथ लगी थी जिस पर अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव ने किसी तरह से जीत हासिल कर पाई थी. इसी तरह 2017 के विधानसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड की 52 विधानसभा सीटों में से 47 सीटे बीजेपी के पास है. इसलिए कानपुर बुंदेलखंड को बीजेपी का सबसे मजबूत किला कहा जाता है. बीजेपी ने अपने इस किले की घेराबंदी भी जबर्दस्त तरीके से की है.


जातीय फैक्टर के आधार पर हुआ सीटों का बंटवारा
कानपुर बुंदेलखंड की हमीरपुर, बांदा, झांसी, जालौन लोकसभा सीटे प्रियंका गांधी को मिली है. यह सभी लोकसभा सीटें ऐसी है जहां पर ब्राह्मण, मुस्लिम और क्षत्रिय वोटरों के साथ ही साथ ओबीसी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. अगर प्रियंका गांधी ब्राह्मण वोटरों में सेंध लगाने में कामयाब हो गईं तो यह सीटे जीतने में कामयाब हो सकती हैं. रही बात मुस्लिम वोटरों की तो कांग्रेस के खाते में जाना तय मानी जा रही है.


ज्योतिरादित्या सिंधिया के पास कानपुर बुंदेलखंड की ईटावा, कानपुर, अकबरपुर, कन्नौज, फरुखबाद ,मिश्रिख जैसी लोकसभा सीटों का प्रभार है. यह सभी लोकसभा सीट क्षत्रिय बहुल है सिंधिया की मदद से क्षत्रिय वोटरों को अपने पाले में लाने का प्रयास किया जा रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कानपुर, फर्रुखाबाद, अकबरपुर, झांसी की लोकसभा सीटें कांग्रेस के खाते में थीं.


2009 की मनमोहन सरकार में कानपुर बुंदेलखंड से तीन केंद्रीय मंत्री थे. झांसी से आदित्य जैन, फर्रुखाबाद से सलमान खुर्शीद और कानपुर से श्रीप्रकाश जायसवाल. अब देखने वाली बात यह होगी कि कानपुर बुंदेलखंड के वोटर को प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्या सिंधिया कांग्रेस का वोटर बनाने में कामयाब हो पाएंगे या नहीं.