लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच हुए गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को मुंहमांगी सीटें न मिलने के बाद भी पार्टी के नेता नाउम्मीद नहीं हैं. उनका कहना है कि अभी गठबंधन में शामिल नेताओं से बात की जाएगी और हमें हमारा वाजिब हक मिलेगा.


बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दोनों पार्टियों ने राज्य की 38-38 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया. इस गठबंधन के तहत बसपा और सपा रायबरेली और अमेठी सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी और यह दोनों सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ने का फैसला किया गया है.

इसके अलावा, मायावती ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि दो सीटें अन्य दलों के लिए छोड़ी गई हैं. इससे यह कयास लग रहे हैं कि यह सीटें रालोद के लिए छोड़ी गई हैं.

इस प्रेस कांफ्रेस के बाद आरएलडी के वरिष्ठ नेता मसूद अहमद ने बताया कि 'रालोद अभी भी गठबंधन में है, हमारे उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव से छह सीटों की मांग की थी, अभी हम नाउम्मीद नहीं हैं. हमारे नेता जयंत गठबंधन के नेताओं से बातचीत करेंगे और हमें हमारा हक मिलेगा.' उन्होंने कहा कि एक हफ्ते में मामला साफ हो जाएगा और हमें उम्मीद है कि गठबंधन के नेता हमारी मांगों पर विचार करेंगे.

आरएलडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि 'गठबंधन की सीटें तय हो गई हैं. हमारी अभी वार्ता चल रही है. सीट का कोई मुददा नहीं है, सीटें निकल आएंगी. हमारा मुख्य उददेश्य बीजेपी को हराना है जिसके लिए सबको साथ आना है. समर्पण भी है, त्याग भी है. मगर सम्मानजनक होना चाहिए.’’