कुशीनगर: योगी सरकार के अपराध पर लगाम लगाने के सारे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. यूपी के कुशीनगर एक आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. मृतक राजकुमार के पिता चन्द्रिका और उनके पड़ोसी नूर हक के बीच काफी दिनों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. दोनों पक्षों में मारपीट भी हो चुकी थी. राजकुमार के पिता चंद्रिका का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.


कहा जा रहा है कि पूर्व में हुई घटनाओं को लेकर खड्डा पुलिस अगर चौकन्नी होती तो दोनों दोस्तों की हत्या नहीं हुई होती. इतना ही नहीं मृतक राजकुमार के पिता चंद्रिका ने कुछ दिन पूर्व खड्डा थाने में प्रार्थना पत्र देकर अपने साथ अनहोनी कि आशंका जताई थी लेकिन खड्डा पुलिस ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया जिसके कारण ये वारदात हो गई.


आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या की सूचना पर पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. आनन-फानन में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू कर दी है. आरएसएस स्वयंसेवक की नृशंस हत्या के सवाल पर एसपी राजीव नारायण मिश्र कन्नी काट गए उन्होंने इस विषय पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. पुलिस का मानना है कि जमीनी रंजिश के कारण यह घटना हुयी है.


बता दें कि मृतक राजकुमार के पिता चन्द्रिका और उनके पड़ोसी नूरहक के बीच काफी दिनों से घर की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. इस मामले को लेकर कई बार दोनों पक्षों में मारपीट भी हो चुकी है. इसके कारण चंद्रिका ने राजस्व व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार प्रार्थना पत्र देकर जमीनी विवाद को सुलझाने की गुहार लगाई थी लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया.


जमीनी विवाद के कारण आए दिन दोनों परिवार एक दूसरे पर मुकदमा भी लिखवाते रहे हैं. जमीनी विवाद चल ही रहा था कि राजकुमार का सर कटा शव खड्डा थाने के मठिया गांव के पर गंडक नहर की पटरी से बरामद हुआ. अभी पुलिस राजकुमार के गायब सिर को खोज रही थी कि इसी बीच राजकुमार के दोस्त टुनटुन उर्फ इब्राहिम का शव भी कुछ दूर नहर के पानी से बरामद हो गया. एक साथ दो लोगों की हत्या से सनसनी फ़ैल गई.


संघ कार्यकर्ता की हत्या से इलाके के भाजपाइयों में रोष है. भाजपा और हिन्दू युवा वाहिनी के कई पदाधिकारियों ने मृतक के घर पहुंचकर खड्डा पुलिस की कार्य प्रणाली पर असंतोष जाहिर किया.भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि खड्डा पुलिस ने इस मामले में शुरू से लापरवाही बरती है. मृतक राजकुमार के परिजनों ने भी पुलिसिया ढिलाई की बात कही है. परिजनों का कहना है कि विपक्षी कई बार उनसे मारपीट कर चुके हैं लेकिन हर बार पुलिस हल्की धारा लगा कर उन्हें जेल भेजती थी जिससे वे जल्दी ही बाहर आ जाते थे. इसी के कारण उनका मनोबल बढ़ा हुआ था.


मौके पर पहुंचे धर्मेंद्र राव भाजपा मण्डल अध्यक्ष खड्डा ने तो पुलिस अधीक्षक पर सवाल खड़ा करते कहा कि पूरी भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ पुलिस अधीक्षक से दो-दो बार मिलकर एसओ की लापरवाही से बता चुकी थी लेकिन वह भी इस मामले को ठंडे बस्ते में डालते रहे.


पीड़ित के घर पहुंचे पूर्व विधायक मदन गोविंद राव ने तो तत्कालीन एसओ अनुज कुमार सिंह पर पैसा लेकर एक पक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लगाया.


पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि एक अज्ञात शव मिला था उसकी शिनाख्त की गई. आगे कार्यवाही की जा रही है.