आज लोकसभा में समाजवादी सांसद धर्मेंद्र यादव ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कल हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रयागराज आना था पर यूपी प्रशासन ने उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर रोक लिया. यादव ने कहा कि हम सांसदों के साथ निहत्थे समाजवादी लोगों को पीटा गया. उनमें बुजुर्ग और महिलाएं भी थीं. प्रशासन के लोग हम पर लाठियां और गोलियां चला रहे थे. धर्मेंद्र यादव ने कहा कि हम विशेषाधिकार हनन का नोटिस देते हैं. धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा स्पीकर से नोटिस को स्वीकार करने की भी अपील की.
लोकसभा में सर पर पट्टी बांध कर पहुंचे सासंद धर्मेंद्र यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, हम समाजवादी हैं, ईंट का जवाब पत्थर से देंगे.''
जिसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ''सांसद के प्रति हमारी सहानुभूति है, लेकिन जो बताया वो सच नहीं है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में अखिलेश यादव जा रहा थे, वहां के वीसी ने प्रशासन को लिखकर दिया था कि अखिलेश यादव के आने से कानून व्यवस्था बिगड़ेगी. इसका सरकार से कोई लेना देना नहीं है.''
प्रयागराज में अब भी अलग अलग इलाकों में प्रदर्शन व हंगामा हो रहा है. समाजवादी पार्टी के विरोध प्रदर्शन की आशंका के बीच अमित शाह का संगम जाने का रूट भी बदल दिया गया है. पहले नए यमुना पुल के पास से संगम की तरफ़ जाना था लेकिन रुट बदलकर पीपा पुल से संगम नोज़ कर दिया गया.
बता दें कि सपा कार्यकर्ताओं ने सडकों पर हंगामा करते हुए तोड़फोड़ व पथराव किया तो जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया. हंगामे के दौरान कई राउंड हवाई फायरिंग भी हुई. पुलिस लाठीचार्ज में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव का सर फट गया तो फूलपुर के सांसद नागेंद्र पटेल और गोरखपुर के सांसद प्रवीण निषाद को भी चोटें आईं.
लाठीचार्ज में सपा के तकरीबन पचास कार्यकर्ता चोटिल हुए हैं. सपा कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए पथराव में एसएसपी नितिन तिवारी समेत एक दर्जन से ज़्यादा पुलिस वालों को हल्की चोट लगी है. सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुए ज़बरदस्त हंगामे के चलते शहर के बालसन चौराहे के आसपास करीब दो घंटे तक अराजकता के हालात रहे. आसपास के सभी बाजार बंद हो गए थे और सड़कों पर सन्नाटा पसर गया था. हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी.
सपा कार्यकर्ताओं की तरफ से आगजनी भी की गई. करीब दो घंटे बाद पुलिस ने आरएएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और ब्लैक कमांडोज़ की मौजूदगी में सपा के तीन सांसदों समेत सौ से ज़्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर हालात को काबू में किया. हंगामे के दौरान हवाई फायरिंग किसकी तरफ से हुई, फिलहाल यह साफ़ नहीं हो सका है.