लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर प्रदेश की योगी सरकार को निशाने पर लिया. सपा ने कहा कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश को 'हत्या प्रदेश' बना दिया है. पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है, जिसमें लिखा है, 'हत्या प्रदेश की राजधानी बन चुकी लखनऊ में अपराधियों को क़ानून का रत्तीभर डर नहीं! 22 दिन...12 गोलीकांड...चार हत्याएं.  संतकबीरनगर के खलीलाबाद में भी युवक की गोली मारकर बदमाशों द्वारा हत्या. दहशत में ज़िंदगी...ख़ामोश पुलिस!''


इसे बाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रिट्वीट किया. ट्वीट में एक हिन्दी अखबार की कटिंग भी लगायी गई है, जिसमें राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में हुई संगीन वारदातों की पूरी लिस्ट है.


इससे पहले अखिलेश ने कहा था कि उत्तर प्रदेश अपराधियों की गिरफ्त में हैं. कब किसकी हत्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है. बीजेपी की सरकार ने राज्य को डरा दिया है. इतने बुरे हालात प्रदेश में कभी नहीं रहे.


उन्होंने आरोप लगाया था कि समाज विशेष के प्रति प्रशासन की उत्पीड़नकारी नीतियों के चलते कितने ही परिवार पुलिस उत्पीड़न के शिकार हुए हैं. कई निर्दोषों को मुठभेड़ के बहाने मार दिया गया. सरकार की उदासीनता और उत्पीड़न से परेशान कई लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो गए हैं.


सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि प्रदेश में लूट, अपहरण, बलात्कार की घटनाएं भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं. महिलाएं, बच्चियां तक बलात्कार की शिकार हो रही हैं. बीजेपी राज में अपराधी स्वच्छंद है और बीजेपी नेताओं के संरक्षण में हैं. उत्तम प्रदेश तो छोड़िए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश को 'हत्या प्रदेश' बना दिया है. क्या बीजेपी उत्तर प्रदेश की यही पहचान बनाना चाहती है? जब जनता को जान का भरोसा न हो तो फिर कैसा विकास और किस पर विश्वास?


इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि "नीति आयोग की रिपोर्ट में स्वास्थ्य के पैमाने पर उप्र का निम्नतम आना ये दर्शाता है कि बीजेपी राज में किस प्रकार स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाएं उपेक्षित हुई हैं. राजनीति के नाम पर एम्बुलेंस सेवाएं भी सुचारु नहीं हैं. गोरखपुर देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्गति की राजधानी बन गया है."


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