नई दिल्ली: सपा-बसपा गठबंधन की दीवारें में दरार तो 3 जून को ही पड़ गई थी. मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के एलान के बाद अब समाजवादी पार्टी भी फ्रंटफुट पर आ गई है. समाजवादी पार्टी ने कहा कि अगर बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी तो हम भी अकेले चुनाव लड़ेंगे. सपा ने कहा कि मायावती बयानबाजी ना करें.


लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मायावती ने बीएसपी के सीनियर नेताओं की दिल्ली में बैठक बुलाई थी. 3 जून को हुई मीटिंग में उन्होंने समाजवादी पार्टी से रिश्ता तोड़ने का एलान किया था. लोकसभा चुनाव में एसपी 5 सीटों पर तो बीएसपी 10 सीटों पर जीतने में कामयाब रही. पिछली बार तो बीएसपी का खाता तक नहीं खुला था जबकि एसपी के पांच सांसद विजयी रहे थे.


मायावती ने ट्वीट कर कहा, ''ये जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया. परन्तु लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है. अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी.''


बता दें कि कल हुई बैठक में मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करना हमारी बड़ी भूल थी. मायावती ने जब ये बात कही तो बैठक में मौजूद कई नेता हैरान रह गए. लखनऊ में बीएसपी नेताओं की मीटिंग में मायावती ने मुलायम सिंह से लेकर अखिलेश यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए. समाजवादी पार्टी से गठबंधन क्यों तोड़ा, इसके बारे में उन्होंने विस्तार से बताया. मायावती ने अखिलेश यादव की राजनीतिक समझ पर सवाल उठाए. उन्होंने ये कह कर सनसनी फैला दी कि अखिलेश ने मुसलमानों को टिकट देने का विरोध किया था. मायावती ने बताया कि एक दिन अखिलेश उनसे मिलने उनके घर आए और कहा कि मुस्लिमों को टिकट देने से साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण हो सकता है. इससे गठबंधन को नुकसान होगा. लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी.


मायावती को भी परिवार पर ही भरोसा


मायावती ने बैठक में बीएसपी में बड़े संगठनात्मक बदलाव किए हैं जिसके तहत मायावती के भाई आनंद कुमार को फिर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया तो वहीं भतीजे आकाश को नेशनल कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी में दो नेशनल कॉर्डिनेटर बनाए गए हैं. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम को भी नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया है.इस बैठक में तय हुआ है कि संगठन को देश भर में मजबूत करने की दिशा में काम किया जाएगा.


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