संतकबीरनगरः माता-पिता के व्‍यवहार और संस्‍कार का बच्‍चों पर गहरा असर होता है. जब उनका मन आहत होता है, तो कभी-कभी वो ऐसा कुछ देते हैं, जिससे बड़े-बड़े हैरत में पड़ जाते हैं. लेकिन, बच्‍चों का ख्‍याल नहीं रखने वाले माता-पिता के लिए ऐसी घटनाएं बहुत कुछ सिखा देती है. ऐसा ही एक हैरत में डाल देने वाला मामला सामने आया है. जहां तीन साल की बच्‍ची अपनी मां की शिकायत लेकर पुलिस चौकी पर पहुंच गई.


अनजाने में फलक ने पुलिस के पास पहुंचकर शिकायत करने वाली सबसे कम उम्र की शिकायतकर्ता के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया है. उसने पुलिस चौकी पर पहुंचकर कहा कि उसकी मां उसे प्‍यार नहीं करती है. पुलिसवालों ने भी उसे निराश नहीं किया और उसके घर जाकर उसकी मां को समझा-बुझाकर बच्‍ची को संतुष्‍ट करके ही वापस लौटे.


ये मामला संतकबीरनगर ज़िले के दुधारा इलाके के पचपोखरी गांव का है. तीन साल की फलक को अपनी मां आसमा खातून का बेटे को ज्‍यादा प्‍यार-दुलार देना और उसे बिस्‍तर की बजाय पुआल पर सुलाना नागवार गुजरा. वो 18 दिसंबर की शाम 6 बजे मां आसमा की शिकायत लेकर रास्‍ते में लोगों से रास्‍ता पूछते हुए 300 मीटर दूर पुलिस चौकी तक पहुंच गई. जब वहां पर मौजूद पुलिसवालों ने उससे ये पूछा कि आखिर वो किसके साथ वहां तक आई है, तो उसने बताया कि वो खुद वहां तक पहुंची है.



पुलिसवालों को बच्‍ची की बात का विश्‍वास नहीं हुआ. तो आसपास के घरवालों ने बताया कि वो बच्‍ची थाने का रास्‍ता पूछते हुए वहां तक पहुंची है. फलक ने बताया कि वो खुद से पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंची थी. क्‍योंकि उसकी मां उसे प्‍यार नहीं करती है और उसके साथ अच्‍छा व्‍यवहार नहीं करती है. वहीं पड़ोस की रहने वाली महिला रामजानकी ने बताया कि वो बच्‍ची पुलिसवालों का पता पूछते हुए उनके पास आई थी.



पचपोखरी गांव के प्रधान रामजी ने बताया कि तीन साल की फलक मां आसमा खातून के व्‍यवहार से नाराज होकर 300 मीटर दूर बनी पुलिस चौकी पर पहुंच गई. वहां पर वे और चौकी इंचार्ज जितेंद्र कुमार यादव मौजूद थे. मासूम फलक ये शिकायत करती है कि उसकी मां उसे खाना नहीं देती है. उसे मारती है. इतना ही नहीं वो अपनी बेटी से नहीं, बल्कि बेटे से प्यार करती है. वो बेटे को गद्दे पर सुलाती है और उसे पुआल पर सोने को कहती है. उसे पढ़ने के लिए स्कूल भी नहीं भेजती है. जिसे सुनकर पुलिसवालों के होश उड़ गए. उन्हें ये समझ में नहीं आ रहा था कि मासूम सी बच्ची की बातों पर यकीन करें कि नहीं.


कुछ देर बाद ही चौकी इंचार्ज मासूम बच्ची को ये पता करने के लिए सीधे उसके घर पहुंच गए कि उसकी बातों में कितनी सच्‍चाई है. घर वालों ने बताया कि बच्ची को सिर्फ डांटा था. शायद इसको लेकर नाराज़ हो गई हो. लेकिन, फ़लक पुलिस अंकल के पास से जाना ही नही चाह रही थी. दरअसल फ़लक का परिवार गरीब है. पिता मक़सूद किसी तरह मज़दूरी कर अपने परिवार की परवरिश करता है. हर तरह की सुविधाएं देने में भी वो असमर्थ है. पुलिस चौकी पर पहुंची फ़लक ने पुलिस अंकल से कपड़े दिलाने की डिमांड भी कर दी. उसने ठंड के कारण गर्म कपड़े दिलाने को कहा. चौकी इंचार्ज ने मानवता दिखाते हुए फ़लक को बाजार में स्थित कपड़े की दुकान पर ले गए और उसकी पसंद का कपड़ा दिलाया. उसके बाद फलक हंसी-खुशी घर चली गई.


फलक के पिता मकसूद ने बताया कि फलक की मां ने बताया कि उसने उसे डांट दिया था. यही वजह है कि वो उसकी शिकायत लेकर पुलिस चौकी पर चली गई थी. वो उस समय घर पर नहीं था. उसने शिकायत की थी कि वो उसे घास और पुआल पर सुला देती है. चौकी पर कही थी कि अपने बाबू को मानती है और मुझे नहीं मानती है. आसमा ने बताया कि पुलिसवाले आए थे और उन्‍होंने बताया कि उसने पुलिस चौकी पर शिकायत लेकर गई थी. उसका कहना है कि फलक की शिकायत तो दूर नहीं हुई, लेकिन पुलिस के आने से उसकी परेशानी बढ़ गई. पुलिसवालों ने भी उसके माता-पिता को घर पर जाकर उसके साथ अच्‍छा व्‍यवहार करने और पढ़ाने के लिए कहा.


वहीं एएसपी असित श्रीवास्‍तव ने बताया कि उसकी मां पहले उसे चारपाई पर सुलाती थी. लेकिन, अब नवजात शिशु को अपने साथ सुलाती है और उसके नहीं सुलाती है. उसके माता-पिता की काउंसिलिंग की गई. उनका कहना है कि बच्‍ची को ऐसा लगा होगा, कि परिवार में एक और बच्‍चा आने के बाद उसकी ओर ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है. इसलिए वो पुलिस चौकी पर शिकायत लेकर पहुंच गई थी. उन्‍होंने बताया कि उनके सेवाकाल में और पुलिस के जानकारी में थाने पर आने वाली ये सबसे कम उम्र की शिकायतकर्ता थी. उसकी संवेदनशीलता के साथ शिकायत का निस्‍तारण पुलिस की ओर से किया गया. इसके लिए पुलिस की तत्‍परता और संवेदनशीलता की भी प्रशंसा हो रही है.


घर में कई बार ऐसा होता है कि माता-पिता का व्‍यवहार बच्‍चों को रास नहीं आता है और वे कुछ ऐसा कर देते हैं जिससे कोई भी हैरत में पड़ जाए. ऐसे में माता-पिता को इस बात का ख्‍याल रखना चाहिए कि वे अपने बच्‍चों की जरूरतों का खास ख्‍याल रखें.