नई दिल्ली/लखनऊ : भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे यादव सिंह को लेकर कई चौंकाने वाले सच सामने आए हैं. इस मामले को लेकर एक डायरी के जिन पन्नों में 'सिफारिशी करप्शन' के आरोप कैद हैं, उनसे कई राज खुले हैं.
सच आपको जानना जरूरी है क्योंकि, इसका ताल्लुक आपसे
यह सच आपको जानना जरूरी है क्योंकि, इसका ताल्लुक आपसे भी है. करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप जिन ठेकों में लगा है, वो खनन, सड़क, पुल, पुलिया, अंडरग्राउंड केबल बिछाने के काम हैं. ये सारे वो काम है जो जनता से जुड़े हैं, अगर इन कामों में भ्रष्टाचार हुआ है तो नुकसान आपका है.
मुलायम ने कहा था- यूपी में मंत्री, नेता, मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं
गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव खुद पिछले दिनों यह कह रहे थे कि यूपी में मंत्री, नेता, मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. ये बयान इस बात की तरफ इशारा करता है कि हो सकता है कि मुलायम सिंह की बात तत्कालीन यादव सिंह के घोटाले से जुड़ी हुई हो.
तीन-तीन जांच एजेंसियों के सूत्रों से मिले दस्तावेजों की जांच हुई
ऐसे में सीबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय जैसी तीन-तीन जांच एजेंसियों के सूत्रों से मिले दस्तावेजों की जांच हुई. इनकी जांच के लिए जब एबीपी न्यूज संवाददाता ओम प्रकाश तिवारी नोएडा में निकले तो बड़े चौंकाने वाले खुलासे हुए.
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टेंडर अलॉट होने के पहले ही 60% काम भी पूरा हो चुका था
यादव सिंह के राज में बिना टेंडर जारी हुए अंडरग्राउंड केबल बिछाने का काम शुरु हो गया. जब तक यादव सिंह ने तीन कंपनियों को टेंडर अलॉट किया, उससे पहले ही 60% काम भी पूरा हो चुका था. सूत्रों का कहना है कि यादव सिंह टेंडर का फॉर्म उन्हीं लोगों को देता था, जो करीबी होते थे, या जिनकी सिफारिश होती थी.
डायरी में दर्ज नाम इस वक्त सीबीआई की जांच के रडार पर हैं
एबीपी न्यूज के पास यादव सिंह से जुड़ी डायरी के जो पन्ने हैं, उनमें दर्ज नाम इस वक्त सीबीआई की जांच के रडार पर हैं. सीबीआई ने किसी को भी अभी क्लीनचिट नहीं दी है. आपको यहां ये बताना भी हमारे लिए बहुत जरूरी है कि हम जब इस पूरे सिफारिशी घोटाले के आरोपों की तफ्तीश कर रहे थे तो एक हमें एक और दस्तावेज मिला.
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कई नाम उन लोगों के हैं जिन्हें यादव सिंह ने ठेका दिया था
इस दस्तावेज में कई नाम उन लोगों के हैं जिन्हें यादव सिंह ने ठेका दिया था. उनमें से कई नाम यादव सिंह से जुड़े रामेंद्र सिंह की डायरी में भी हैं, जिनकी सिफारिश बड़े नेताओं ने की है. लेकिन, एक जिम्मेदार न्यूज चैनल होने के नाते इस वक्त हम उन नामों को आपके सामने नहीं ला सकते हैं.
सिफारिश के पीछे कोई आर्थिक भ्रष्टाचार की साजिश तो नहीं
ऐसा इसलिए क्योंकि इससे सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग की जांच प्रभावित हो सकती है. इस वक्त जांच एजेंसियां इस बात पर खास जोर दे रही हैं कि कहीं यादव सिंह से ठेके दिलाने की सिफारिश के पीछे कोई आर्थिक भ्रष्टाचार की साजिश तो नहीं छिपी है ?
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यादव सिंह को रिमांड पर लेकर एबीपी के खुलासों पर पूछताछ की तैयारी
जल्द ही जांच एजेंसी यादव सिंह को रिमांड पर लेकर उन्हीं खुलासों पर पूछताछ करने वाली हैं, जो आज एबीपी न्यूज ने किए हैं. एबीपी न्यूज अपनी जिम्मेदारी समझता है. इसलिए हमने यादव सिंह की डायरी में सिफारिशी भ्रष्टाचार के आरोपों में खड़े हर राजनेता का पक्ष भी जाना है.
हमने बात की समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव से
समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि सारे आरोप बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित हैं. रामगोपाल ने दावा किया कि यादव सिंह को कभी पैरवी के लिए फोन नहीं किया. किसी को कभी किसी सिफारिश के लिए नहीं कहा. कभी किसी को ठेके देने के लिए पैरवी नहीं की.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी दी है सफाई
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोपों का खंडन किया. लेकिन, साथ ही यह बात भी कह डाली कि मंत्री का काम ही होता है कि वह अपने कार्य़कर्ताओं से जुड़ी समस्याओं को लेकर सिफारिश करे.