यूपी: एसआईटी करेगी जहरीली शराब से मौतों के मामले की जांच
सीएम योगी ने चेताया कि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी भले ही वे किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध क्यों ना हों.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच एसआईटी से कराने का रविवार को ऐलान किया. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है ताकि राज्य के सहारनपुर और कुशीनगर जिलों में जहरीली शराब से हुई मौतों की घटना की उचित जांच हो सके.
इस बीच गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने दोनों जिलों के संबंधित क्षेत्राधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
उन्होंने बताया कि सहारनपुर जिले के देवबंद के क्षेत्राधिकारी सिद्धार्थ और कुशीनगर जिले के तमकुही राज के क्षेत्राधिकारी रामकृष्ण तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
जहरीली शराब प्रकरण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गये हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में कहा कि पूर्व में इस तरह की घटनाओं में सपा नेताओं का हाथ रहा है. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की.
योगी ने चेताया कि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी भले ही वे किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध क्यों ना हों.
योगी ने शनिवार रात कहा कि पूर्व में इस तरह की घटनाओं में सपा नेताओं के शामिल होने की बात सामने आयी थी. आजमगढ़, हरदोई, कानपुर और बाराबंकी में सपा नेता जहरीली शराब की घटनाओं में शामिल पाये गये थे. योगी ने कहा कि इस बार भी षड्यंत्र की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए भाजपा सरकार की निन्दा करते हुए कहा कि विपक्ष ऐसी गतिविधियों की जानकारी सरकार को देता रहा है लेकिन सरकार ने कार्रवाई नहीं की क्योंकि उसके कुछ नेता इसमें शामिल थे.
उन्होंने कहा कि सचाई यह है कि सरकार के समर्थन के बिना इस तरह का कारोबार हो ही नहीं सकता.
आगामी लोकसभा चुनाव में सपा की सहयोगी बसपा ने भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हुई मौतों के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बयान में कहा कि दोनों ही राज्यों की सरकारों ने अवैध शराब की बिक्री प्रतिबंधित करने को लेकर ढुल-मुल रवैया अपनाया है. साथ ही उन्होंने प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग भी की.
मायावती ने यह भी कहा कि जब तक जांच नहीं हो जाती, दोनों ही राज्यों के आबकारी मंत्रियों से हटने को कहा जाना चाहिए ताकि जांच निष्पक्ष हो सके.
इस बीच अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के दो सीमावर्ती जिलों सहारनपुर और हरिद्वार में जहरीली शराब पीकर 60 से अधिक लोगों ने जान गंवायी. उत्तर प्रदेश के ही कुशीनगर जिले में शराब पीने से नौ लोगों की मौत हो गई.
योगी ने कहा कि जहरीली शराब का रैकेट उत्तराखंड से संचालित हो रहा था इसलिए उन्होंने वहां के मुख्यमंत्री से बात की है. उन्होंने बताया कि सहारनपुर और कुशीनगर जिलों के आबकारी अधिकारियों सहित कई कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.
घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने आबकारी एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जहरीली शराब कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ 15 दिन का संयुक्त अभियान चलायें.
उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये और उपचार करा रहे लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की.