यूपी: रायबरेली पहुंची सोनिया गांधी और प्रियंका, कई मुद्दों पर होगा मंथन
इसके पहले प्रियंका गांधी ने यूपी के सभी सचिवों और नेताओं के साथ बैठक कर संगठन को नए सिरे से तैयार करने की बात कही थी. प्रियंका ने कहा कि अब यूपी में नए जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाएंगे. जिसके लिए अच्छे उम्मीदवारों की तलाश की जाएगी.
नई दिल्ली: यूपी में कांग्रेस की जड़े मजबूत करने के लिए सोनिया और प्रियंका गांधी ने एक बार फिर कवायद शुरू कर दी है. प्रियंका और सोनिया गांधी अपने तय समय से 1 घंटे पहले ही रायबरेली पहुंच गईं. कार्यकर्ताओं ने फूल माला के साथ उनका स्वागत किया. सोनिया और प्रियंका गंधी पूर्वी यूपी के नेताओं और लोकसभा उम्मीदवारों के साथ चुनाव परिणाम की समीक्षा करेंगी.
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की रायबरेली एक मात्र ऐसी सीट है जो कांग्रेस के खाते में गई. सोनिया गांधी यहां से पांचवीं बार सांसद चुनी गई हैं.
जानकारी के मुताबिक फुरसतगंज एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सड़क मार्ग से होते हुए सोनिया और प्रियंका भुएमऊ गेस्ट हाउस पहुंची. उनके स्वागत को लेकर भुएमऊ गेस्ट हाउस में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. यहां सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा का कार्यकर्ताओं से मिलने का कार्यक्रम है. राष्ट्रीय नेता संग प्रदेश के जिम्मेदारों की बैठकों का दौर चलेगा. एक वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश में हार के कारणों की समीक्षा, मंथन-चिंतन कई चक्रों में होगा. फिर दोपहर का भोजन, उसके बाद बैठक. इन कार्यक्रमों के बाद सोनिया गांधी करीब पांच बजे जिले के करीब तीन हजार कार्यकर्ताओं का आभार जताएंगी. कम वोटों और मुश्किल हालातों में हुई जीत का क्रमवार विश्लेषण होगा. शाम को रायबरेली लोकसभा क्षेत्र की जनता के लिए आभार समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें करीब 2500 कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है. रात्रि भोज भी होगा. गौरतलब है कि 23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सांसद सोनिया गांधी का यह पहला दौरा होगा. वह 39 दिन बाद रायबरेली आ रही हैं. दो मई को सोनिया ने सरेनी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था.बता दें 23 मई को आए लोकसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया है. कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ख़ुद अमेठी से चुनाव हार गए हैं. मोदी लहर में सवार बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ एक बार फिर केंद्र में सरकार बन गई.
राहुल गांधी ने यूपी की ज़िम्मेदारी प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी थी जहां सिर्फ़ सोनिया गांधी एक सीट जीत पाई. ख़ुद राहुल गांधी भी चुनाव हार गए.
अमेठी पर भी लहराया भगवा गांधी परिवार की परंपरागत संसदीय सीट अमेठी इस बार के आम चुनाव में बीजेपी के पास चली गई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए हैं. बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने उन्हें 55,120 वोटों से परास्त कर इस सीट पर भगवा परचम लहरा दिया है.
अमेठी लोकसभा सीट को कांग्रेस का अभेद्य किला माना जाता रहा है. इस सीट पर इससे पहले 16 चुनाव और दो उपचुनाव हुए हैं. इनमें से कांग्रेस ने यहां 16 बार जीत दर्ज की है. 1977 में लोकदल और 1998 में बीजेपी को यहां से जीत मिली थी. यहां से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी सांसद रहे हैं और अब यह सीट स्मृति की हो गई है.
अमेठी लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें अमेठी जिले की तिलोई, जगदीशपुर, अमेठी और गौरीगंज सीटें शामिल हैं. जबकि रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा सीट भी अमेठी में आती है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पांच सीटों में से चार पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी और महज एक सीट समाजवादी पार्टी (सपा) को मिली थी.