लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के जावाब के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि मुलायम सिंह यादव का परिवार फिर से एकजुट हो सकता है. अखिलेश ने बातों बातों में इसके संकेत दिए हैं. एक संवाददाता सम्मेलन में चाचा शिवपाल यादव को पार्टी में वापस लेने के सवाल पर शुक्रवार को कहा कि उनके परिवार में परिवारवाद नहीं, बल्कि लोकतंत्र है. उन्होंने कहा कि जो अपनी विचारधारा पर चलना चाहे वह स्वतंत्र है और जो आना चाहे उसे वह पार्टी में आंख बंद करके शामिल कर लेंगे.

अखिलेश ने कहा कि सपा के दरवाजे सबके लिए खुले हैं. अखिलेश यादव ने कहा, "परिवार एक है, कोई अलग नहीं है. हमारे ऊपर आरोप लगते हैं, लेकिन परिवार में कोई फूट नहीं है. यहां पर लोकतंत्र है. हमारा परिवार अलग नहीं है. जो जिस विचारधारा में जाना चाहे जाए और जो वापस आना चाहता है आए. यहां सबके लिए दरवाजे खुले हैं. जो आना चाहे, उसे शामिल कर लेंगे."

हाल ही में सपा ने दलबदल कानून के तहत शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा में याचिका लगा दी थी.

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का मानना है कि परिवार में एकता की गुंजाइश है, लेकिन कुछ षड्यंत्रकारी (साजिशकर्ता) लोग परिवार को एक होने नहीं देना चाह रहे हैं. शिवपाल पिछले साल सपा से अलग हो गए थे और उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली थी.

बता दें कि अखिलेश सरकार में शिवपाल सबसे ताक़तवर मंत्री रहे. लेकिन पार्टी से लेकर सरकार में चाचा और भतीजे में तनातनी बढ़ती रही. साल 2016 के आख़िर में लड़ाई आर-पार की हो गई थी. उन दिनों मुलायम सिंह यादव पार्टी के अध्यक्ष थे. उन्होंने शिवपाल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. तो बदले में अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया. मुलायम ने अखिलेश को पार्टी से बाहर कर दिया था.

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