नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने भले ही अपनी राहें अलग कर ली हों लेकिन गठबंधन की तीसरी सहयोगी पार्टी आरएलडी ने आने वाले विधानसभा उप-चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर मैदान में उतरने का एलान किया है. सपा और बसपा के रास्ते अब अलग हो चुके हैं. मायावती और अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि आने वाले विधानसभा उपचुनावों में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरेंगी. ऐेसे में आरएलडी का ये फैसला किसे फायदा पहुंचाएगा और किसे नुकसान ये देखने वाली बात होगी.


आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मसूद अहमद ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि सपा के साथ उसका गठबंधन अभी भी कायम है. साथ ही पार्टी ने 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में साथ लड़ने का फैसला किया है.


लोकसभा चुनाव की बात करें तो आरएलडी के हिस्से में तीन सीटें आई थीं और सभी तीनों सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. हालत ये रही कि अजीत सिंह और जयंत चौधरी भी अपनी सीटें नहीं बचा पाए.


आरएलडी के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा में अपनी उपस्थिति महसूस कराने का मौका मिलेगा. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में आरएलडीतीन सीटों पर लड़ी थी लेकिन उसके प्रत्याशी किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई.


रालोद प्रमुख अजीत सिंह मुजफ्फरनगर से, उनके बेटे जयंत चौधरी बागपत से और कुंवर नरेंद्र सिंह मथुरा से चुनाव हार गए. उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने 277 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन उसके 266 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.


ईद से एक दिन पहले सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन बिखरने के बीच, आरएलडी ने बुधवार को कहा कि वह उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी. साथ ही आरएलडी ने उम्मीद भी जताई थी कि गठबंधन बना रहेगा.


आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा था कि राष्ट्रीय लोक दल एक राजनीतिक दल है और हम उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव में मैदान में उतरेंगे. हालांकि प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी. जहां तक प्रत्याशियों के चयन की बात है तो यह फैसला हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व- चौधरी अजीत सिंह और जयंत चौधरी करेंगे.


कांग्रेस की तैयारी


जिन 11 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं उनमें से कुछ सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था. हालांकि कांग्रेस लंबे वक्त से यूपी की सत्ता से दूर है और इस बार के लोकसभा चुनावों में भी पार्टी को यूपी में करारी हार का सामना करना पड़ा. फिर भी कांग्रेस विधानसभा उपचुनाव के लिए तैयार नजर आती है. प्रियंका गांधी भी कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं और माना जा रहा है कि पार्टी इन उपचुनावों में मुकाबले के लिए तैयार है.


यूपी की इन 11 सीटों पर उपचुनाव होना है -
1. गंगोह (सहारनपुर)
2. टूंडला (आगरा)
3. गोविंदनगर (कानपुर)
4. लखनऊ कैंट
5. प्रतापगढ़
6. मानिकपुर (चित्रकूट)
7. रामपुर
8. जैदपुर(सु) (बाराबंकी)
9. बलहा(सु) (बहराइच)
10. इगलास (अलीगढ़)
11. जलालपुर (अंबेडकरनगर)


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