लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिरने से हुए हादसे को लेकर गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल को तत्काल हटाने का फरमान सुना दिया.


राज्य सरकार की ओर से देर रात लगभग 12 बजे दी गई जानकारी के मुताबिक, जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है. रिपोर्ट में सात अधिकारियों को दोषी पाया गया है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी के खिलाफ लोक निर्माण विभाग कठोर दंडात्मक कार्रवाई करें.


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जांच में दोषी पाए जाने वालों में राजन मित्तल, एससी तिवारी व गेंदालाल के अलावा परियोजना प्रबंधक के.आर सूदन, सहायक परियोजना प्रबंधक राजेंद्र सिंह, अवर परियोजना प्रबंधक लालचंद व अवर परियोजना प्रबंधक शामिल हैं.


सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट में कई स्तर पर खामियां सामने आई हैं. इनमें पाया गया है कि निर्माण की ड्राइंग का अनुमोदन नहीं था. जांच में यह स्पष्ट नहीं हो सका कि निर्माण में उपयोग सीमेंट, बालू एवं ग्रिट का अनुपात निर्धारित मानक के अनुरूप था या नहीं. ऐसा बैच मिक्स प्लांट का रिकॉर्ड नहीं होने के कारण हुआ.


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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने एपीसी राज प्रताप सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति गठित की थी और उसे 48 घंटे में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे. वाराणसी में निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरने से 18 लोगों की मौत हो गई थी और 30 लोग घायल हुए थे.