मेरठ: एक लाख के ईनामी गैंगस्टर सोनू उर्फ सोकेन्द्र मोरना को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है. करीब डेढ़ साल पहले सोनू ने अपने गांव में दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था. पुलिस को इस मर्डर केस समेत कई मामलों में सोनू की तलाश थी. एसटीएफ ने दिल्ली से सोनू की गिरफ्तारी की है.


दुश्मन के मां-बाप को मारकर बना एक लाख का इनामी


सोनू ने 10 जुलाई 2017 को अलीपुर मोरना में अपने पुराने दुश्मन के मां-बाप की हत्या कर दी थी. हत्या के बाद पुलिस ने इस वारदात में शामिल सभी आरोपियों को जेल भेज दिया था जबकि सोनू फरार रहा. इस दौरान सोनू ने कई और वारदातों को अंजाम दिया.


सोनू की फरारी के चलते उसके ऊपर एक लाख रूपये का इनाम घोषित था और यूपी पुलिस के अलावा एसटीएफ उसकी तलाश कर रही थी. सोनू कई सालों से दिल्ली-एनसीआर के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना के गैंग के लिए सुपारी किलिंग करता था. एसटीएफ ने दिल्ली के गीता कालोनी से सोनू की गिरफ्तारी की. सोनू यहां अपना नाम बदलकर एक किराये के मकान में रहता था.


पहले दोस्त फिर दुश्मन हुआ गांव का जॉनी


मेरठ के अलीपुर मोरना गांव के सोनू की गांव के ही जॉनी से करीब 9 साल पुरानी दुश्मनी है. सोनू और उसका भाई मोनू कालेज के दिनों में जॉनी के दोस्त थे. मोनू और जॉनी ने 2009 में मवाना में दिनदहाड़े अरशद और हसीन की हत्या कर दी थी. इस मामले में मोनू और जॉनी जेल गये. इस केस के वादी और चश्मदीद हसीन के भाई बाबर ने जब समझौते से इंकार कर दिया तो सोनू ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे भी मार डाला.


जमानत पाने के लिए करवाया था अपने पिता का कत्ल


जेल में बंद बदमाश कंपनी को कोर्ट से जमानत नही मिल रही थी तो सबने मिलकर सोनू के पिता धर्मसिंह की हत्या का प्लान बनाया और कत्ल के बाद हसीन और अरशद के मर्डर के पैरोकारों के नाम आरोपियों की जगह पर केस में दर्ज करा दिये. लेकिन जब पुलिस ने हत्या का खुलासा किया तो जॉनी का भाई और उसके साथी धर्मसिंह के हत्यारे निकले. इस दौरान सोनू को खर्चे के लिए अपना खेत तक बेचना पड़ा था जबकि जॉनी उसी के खर्चे पर जेल में बना रहा. लेनदेन को लेकर जॉनी और सोनू के बीच तलवारें खिंच गई.


रंजिश इतनी बढ़ी कि अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए 2017 में सोनू ने जॉनी के मां-बाप की हत्या कर दी. जॉनी उस वक्त जेल में था. इसी साल जॉनी जब जेल से छूटा तो सोनू को अपनी जान का खतरा पैदा हो गया. उसने मेरठ में अपनी आवाजाही बंद कर दी और दिल्ली-नोएडा में रहकर अनिल दुजाना गैंग के लिए काम करने लगा. इस दौरान सोनू ने सुपारी के लिए हत्यारों की वारदातों को अंजाम दिया और मुजफ्फरनगर, शामली और मेरठ में कई वारदातें की. पुलिस को उसकी तलाश थी जिसमें एसटीएफ को कामयाबी मिली है.


एसटीएफ से जारी प्रेसनोट के मुताबिक सोनू के खिलाफ 2011 से 2018 के बीच संगीन धाराओं के 14 मुकदमें दर्ज है. यूपी के कई शहरों के अलावा दिल्ली-एनसीआर के जिलों से भी सोनू का आपराधिक ब्यौरा जुटाया जा रहा है. सोनू की गिरफ्तारी के बाद मेरठ और आसपास के इलाकों में इस कुख्यात के नाम से बना हुआ खौफ खत्म होगा.