मेरठ: सिविलकोर्ट ग्रुप-सी परीक्षा में पकड़े गये सॉल्वर के जरिये एसटीएफ मेरठ इस गैंग के सरगना तक पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किया गया सरगना करोड़पति कस्टम अधिकारी विजय उर्फ नीटू है जो बागपत जिले के बड़ौत का निवासी है. परीक्षा की ओएमआर शीट बदलवाने के लिए यह गैंग अभ्यर्थी से लाखों रूपये वसूलता था. विजय उर्फ नीटू प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल के लिए कुख्यात राणा गैंग का सदस्य रहा है.
रविवार 20 जनवरी को मेरठ के ब्रह्मपुरी के एस्ट्रॉन कालेज से एसटीएफ मेरठ ने विभोर नाम के सॉल्वर की गिरफ्तारी की थी. पूछताछ में विभोर ने पूरे गैंग का नेटवर्क और काम करने का तरीका एसटीएफ को बताया था. एसटीएफ ने विभोर से मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली कस्टम के आईजीआई रोड आफिस में तैनात विजय उर्फ नीटू की गिरफ्तारी की है. एसटीएफ के मुताबिक विजय उर्फ नीटू एक दशक से इस धंधे में है और उसने इस धंधे के गुर अरविंद राणा गैग में रहकर सीखे हैं.
एसटीएफ मेरठ के सीओ ब्रिजेश सिंह ने बताया कि विजय उर्फ नीटू ने नौकरी मिलने के बाद भी इस अपराध से दूरी नहीं बनाई. हर परीक्षा में वह अपने गैंग के जरिये अभ्यर्थियों से लाखों रूपये ठगता था. इस तरह उसने करोड़ों रूपये की सम्पत्ति भी अर्जित कर रखी है. उसके पास बड़ौत में 17 बीघा बेशकीमती जमीन और सोनीपत के अंसल टाउन में एक मकान के अलावा कई प्रापर्टी भी है. उसके पास लक्जरी कार के अलावा हाल ही में खरीदे गये दो प्लाट भी हैं. प्लाट परिजनों के नाम हैं लेकिन पैसा विजय उर्फ नीटू ने ही लगाया है.
एफटीएफ सीओ ब्रिजेश सिंह ने बताया कि सिविलकोर्ट ग्रुप-सी परीक्षा के लिए विजय उर्फ नीटू ने कई अभ्यर्थियों से वसूली की थी. सॉल्वर देने के 3 से 5 लाख और ओएमआर शीट बदलवाने के लिए 5 से आठ लाख रूपये तक वसूले गये थे. इस परीक्षा में वसूली के बाबजूद पेपर आउट कराने का जुगाड़ नहीं बैठ पाया तो गैंग ने फर्जी सॉल्व पेपर अभ्यर्थियों को देकर पैसा वसूल किया. एसटीएफ ने मुखबिर को अभ्य़र्थी बनाकर विजय के पास भेजा तो उसने सॉल्व पेपर के लिए 10 लाख रूपये की मांग की थी. एसटीएफ ने उसके पास से उत्तरतालिका की हस्तलिखित कापी, स्विफ्ट कार, मोबाइल फोन और नकदी बरामद की है.