लखनऊ: महिला अपराधों पर रोकथाम व महिलाओं की पुलिस थानों में मदद के लिए पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश सिंह ने सभी थानों में नोटिस बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि महिला मामलों में एफआईआर दर्ज न करने वाले थानाध्यक्षों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. आईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि थानों के बाहर इस आशय का नोटिस बोर्ड लगवाया जा रहा है कि महिला अपराध की घटनाओं पर एफआईआर दर्ज न करने वाले थानाध्यक्ष दंडनीय अपराध के दोषी माने जाएंगे. इस बोर्ड पर पुलिस के उच्चाधिकारियों के मोबाइल नंबर भी अंकित किए जाएंगे, ताकि पीड़ित उनसे अपनी शिकायत दर्ज करा सकें.


दरअसल, मथुरा के सुरीर थाने में दंपति द्वारा खुद को आग लागाए जाने वाले मामले को पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने मथुरा की घटना को दुखद बताते हुए माना कि इसमें पुलिसवालों की भूमिका निंदनीय है. पीड़ित की तरफ से तहरीर दी गई थी, लेकिन एसएचओ ने सिर्फ जनरल डायरी में तस्करा डालकर मामला रफा-दफा कर दिया और एफआईआर दर्ज नहीं की. घटना होने के बाद पीड़ित की एफआईआर दर्ज हुई. इसलिए तत्काल दोषी पाए गए लोगों को निलंबित कर दिया गया है और बाकियों की भूमिका की जांच की जा रही.


पुलिस ने बाद में इस मामले को गंभीरता से लिया है. इसके बाद पुलिस महानिदेशक निर्देश जारी करते हुए कहा कि महिला संबंधी अपराधों के मामले में थाना प्रभारी द्वारा जरूरी कदम न उठाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.


डीजीपी ने बताया कि उनकी तरफ से सभी जिलों में निर्देश भेज दिए गए हैं कि अगर किसी महिला की शिकायत पर थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा केस दर्ज नहीं किया गया तो उनके खिलाफ धारा 166ए के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी.


बता दें कि मथुरा में सुनवाई ना होने पर एक दंपति ने थाने में ही पेट्रोल डाल कर खुद को आग लगा ली. ये मामला थाना सुरीर का है.


जानकारी के मुताबिक पीड़ित दंपति जोगिंदर और उनकी पत्‍नी सुरीर के ही रहने वाले हैं. वो लोग काफी लंबे समय से गांव के ही दबंग द्वारा मारपीट की घटनाओं से परेशान होकर शिकायत दर्ज कराना चाहते थे. इसी मामले में पिछले लंबे वक्त से जोगिंदरथाने के चक्‍कर काट रहे थे.


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