जज दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सोमवार को न्यायमित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता वी. गिरि और अन्य वकीलों से दोनों को लखनऊ के अस्पताल से एम्स, दिल्ली लाने के संबंध में पूछा.
पीठ ने पूछा, ‘‘उन्हें इलाज के लिए दिल्ली लाने पर वे क्या कह रहे हैं?’’
यह बताए जाने पर की परिवार के किसी सदस्य ने इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है, पीठ ने मामले की सुनवाई शुक्रवार को करने की बात कही.
इसबीच, पीठ को बताया गया कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता के चाचा की सुरक्षा से जुड़े शीर्ष अदालत के आदेश पर उसे उत्तर प्रदेश की जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया है.
बता दें कि सड़क हादसे में बुरी तरह से घायल उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले की पीड़िता ने नौ दिन बाद सोमवार को आंखे खोलीं, हालांकि दोनों की हालत अब भी खतरे से बाहर नहीं है. डॉक्टरों के अनुसार पीड़िता की हालत में मामूली सुधार हुआ है और वे उसके हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं जबकि वकील अब भी कोमा में है.
उन्होंने बताया, ‘‘पीड़िता को वेंटीलेटर से हटाने पर विचार किया जा रहा है जबकि वकील को पहले से वेंटीलेटर से हटा लिया गया था. हालांकि दोनों की हालत अब भी खतरे से बाहर नहीं है.’’
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर के प्रभारी डॉ संदीप तिवारी ने सोमवार को बताया, 'पीड़िता की हालत में सुधार हो रहा है. अब वह हमें देख और सुन पा रही है और हमारी बातों को समझ पा रही है.'
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