लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की विधायक साधना सिंह ने कथित तौर पर बसपा प्रमुख मायावती की तुलना किन्नरों से करते हुए उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. सपा और बसपा ने भाजपा विधायक की इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की है. वहीं दिल्ली में राष्ट्रीय महिला आयोग ने बसपा प्रमुख पर की गई टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग इस संबंध में सिंह को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांग सकता है.


आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि सिंह को औपचारिक तौर पर नोटिस कल भेजा जाएगा.


मुगलसराय क्षेत्र से भाजपा विधायक साधना सिंह ने चंदौली जिले के करणपुरा गांव में शनिवार को आयोजित किसान कुंभ कार्यक्रम में मायावती का जिक्र करते हुए कहा था, "हमको तो उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ना तो महिला लगती हैं और ना ही पुरुष. इनको तो अपना सम्मान ही समझ में नहीं आता. जिस महिला का इतना बड़ा चीर हरण हुआ, उसने कुर्सी पाने के लिए अपना सारा सम्मान बेच दिया. ऐसी महिला मायावती का हम इस कार्यक्रम के माध्यम से तिरस्कार करते हैं."


उन्होंने कहा, ‘‘वह महिला नारी जात पर कलंक हैं. जिस महिला की आबरू को भाजपा के नेताओं ने लुटते-लुटते बचाया उसी ने सुख-सुविधा के लिए, अपने वर्चस्व को बचाने के लिए अपमान पी लिया. ऐसी महिला तो किन्नर से भी ज्यादा बदतर है. वह ना नर है, ना महिला है उसकी गिनती किस श्रेणी में करनी है."


बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने भी कहा कि भाजपा विधायक ने बसपा मुखिया मायावती के लिए जिस तरह के शब्द इस्तेमाल किए हैं वह भाजपा के स्तर को दिखाते हैं. सपा-बसपा के गठबंधन की घोषणा के बाद से ही भाजपा नेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. ‘‘उन्हें आगरा और बरेली के अस्पतालों में भर्ती कराने की जरूरत है. ऐसे नेताओं को पागलखाने भेज देना चाहिए.’’


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के आगरा और बरेली जिलों में मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिए बड़े अस्पताल हैं.


बसपा के साथ गठबंधन करके अगला लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा विधायक की इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा, ''मुगलसराय से बीजेपी की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं. ये बीजेपी के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. ये देश की महिलाओं का भी अपमान है.''


उन्होंने कहा कि यह भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. साथ ही यह देश की महिलाओं का भी अपमान है.


बता दें कि मायावती और अखिलेश यादव ने 12 जनवरी को गठबंधन का एलान किया था. इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा था कि लोग और कार्यकर्ता समझ लें की मायावती का अपमान मेरा अपमान है. दोनों दलों (एसपी-बीएसपी) ने उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.