देवरियाः यूपी के देवरिया में बैतालपुर डिपो के आसपास के घरों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने रेड की. रेड में अवैध और नकली डीजल-पेट्रोल के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है. डिपो के अगल-बगल के घरों में छापेमारी के दौरान अवैध रूप से रखा हजारों ड्रम डीजल और पेट्रोल बरामद किया गया है.
प्रशासन और पुलिस के आलाधिकारियों को गोरखपुर के पेट्रोलियम डीलरों की ओर से की गई गोरखधंधे की शिकायत के बाद ये बड़ा कदम उठाया गया. अचानक हुई रेड से अवैध कारोबारियों में हड़कंप मच गया. इन काले कारोबारियों ने घरों में ही मिनी पेट्रोल पंप बना रखा था. छापेमारी के डर से वे कई घरों में रखा तेल नाली में बहाने लगे. पुलिस ने इस धंधे में लिप्त कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया है.
बुधवार को जिला प्रशासन ने बैतालपुर तेल डिपो के अगल-बगल स्थित अवैध डीजल-पेट्रोल के ठिकानों पर छापेमारी की. जिसमें आधा दर्जन घरों से सैकड़ों ड्रम अवैध डीजल-पेट्रोल बरामद हुआ. इस दौरान नकली तेल बनाने का केमिकल, टुल्लू पम्प, पाइप समेत अन्य सामान भी पुलिस के हाथ लगा, जिससे नकली तेल बनाया जाता था. इस कार्रवाई से तेल के अवैध कारोबारियों में हड़कंप मच गया. अवैध कारोबारी पुलिस को देख घर में रखा डीजल-पेट्रोल नाली में बहाने लगे. गोरखपुर के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने देवरिया जिला प्रशासन को पत्र लिखा था. इस पत्र में बताया गया था कि डिपो से तेल लेकर बाहर निकलने वाले टैंकरों से चौराहे पर तेल की चोरी की जाती है. इससे पंप मालिकों का नुकसान हो रहा है.
इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन ने एसडीएम दिनेश कुमार मिश्रा और सीओ वरुण मिश्र के नेतृत्व में सुबह लगभग 11 बजे छापेमारी शुरू कर दी. अचानक हुई छापेमारी से अवैध कारोबारी सकते में आ गए और कारोबारियों के घरों की महिलाओं ने डीजल और पेट्रोल नाली में बहाने लगे. इस दौरान एक मकान से दो सौ लीटर के 40 ड्रम तेल, टुल्लू पंप पाइप और नकली तेल बनाने का सैकड़ों लीटर केमिकल बरामद हुआ. डिपो के अगल-बगल के आधा दर्जन से अधिक मकानों से कई ड्रम तेल एवं नकली तेल बनाने का केमिकल समेत अन्य उपकरण बरामद हुआ. पुलिस ने छापेमारी के दौरान कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है.
इस मामले में एसडीएम दिनेश कुमार मिश्रा ने बताया कि नकली तेल बनाने की सूचना पर यह कार्रवाई की जा रही है. इस धंधे में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिला पूर्ति अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि अवैध कारोबारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. बैतालपुर डिपो के अगल-बगल से तेल की तस्करी का खेल अरसे से चल रहा है. तेल चोरी के इस खेल में इलाके के कई सफेदपोश भी शामिल हैं. 90 के दशक में बैतालपुर में हिंदुस्तान पैट्रोलियम, इंडियन आयल और भारत पेट्रोलियम की कंपनियों का डिपो स्थापित किया गया था.
21 टीमों ने चार दर्जन गांवों में घर-घर जाकर सघन तलाशी ली. करीब साढ़े दस घंटे तक चली कार्रवाई में अवैध तेल का जखीरा मिला. कई घरों से मिलावटी तेल तैयार करने की सामग्री भी मिली. धंधे में लिप्त कई लोगों ने घर के अंदर मिनी पेट्रोल पंप बना रखा था. कार्रवाई के दौरान टीम को कई जगह कड़े प्रतिरोध का भी सामना करना पड़ा. हालांकि भारी फोर्स की मौजूदगी से धंधेबाज बैकफुट पर रहे. पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है. देर शाम तक यह कार्रवाई जारी रही. बैतालपुर में इंडियन आयल, एचपी व भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन के आयल डिपो के आसपास लंबे समय से अवैध तेल का धंधा चल रहा है.
बुधवार को डीएम अमित किशोर और एसपी डा. श्रीपति मिश्र के निर्देशन में 21 टीमों ने सुबह नौ बजे डिपो के आसपास के इलाकों में छापा मार दिया. डिपो के बगल के गांव गुडरी, इटवा, पिपरहिया, सिरजम चौराहा के एक-एक घर में घुसकर तलाशी ली गई. कई घरों से मिलावटी डीजल बनाने में इस्तेमाल होने वाला साल्वेंट, ब्लीचिंग पावडर, क्रेमोकेनिया पावडर, पंचिंग, मिक्सिंग मशीन, तेल मापक यंत्र सहित अन्य सामान और उपकरण मिले. टैंकरों से तेल निकालने वाला पाइप भी पकड़ा गया. सभी सामान टीम ने जब्त कर लिए. कार्रवाई के दौरान अधिकांश परिवारों में महिलाएं ही मिली. पुरुष फरार हो गए थे. डीएम ने बताया कि बड़े पैमाने पर अवैध तेल पकड़ा गया है. इस धंधे में लिप्त लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी.
सुबह नौ बजे से रात साढ़े सात बजे तक बैतालपुर डिपो के आसपास स्थित गांवों में छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने 9,125 लीटर डीजल-पेट्रोल बरामद किया. इस मामले में जिला पूर्ति अधिकारी वीके सिंह ने नौ गृहस्वामियों समेत 13 लोगों के खिलाफ देर रात गौरीबाजार थाने में तहरीर दी. इसमें गुड़री निवासी मीरा यादव, प्रमोद यादव, जितेंद्र गुप्ता, पिंटू, दीनदयाल गुप्ता, इटवा निवासी रामजतन यादव, गोरखपुर के पिपरही निवासी नागेंद्र सहित 13 लोगों को नामजद किया गया है. एसओ विनय कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
छापेमारी के दौरान टीम जब नंबर 11 व 12 डिपो गेट के बगल में स्थित एक घर में घुसने लगी तो महिलाओं ने रास्ता रोक लिया. कड़े प्रतिरोध के बाद महिला पुलिस को आगे कर टीम अंदर घुसी. यहां तलाशी के दौरान चार खाली ड्रम, आठ गैलन में रखा तेल, सात छोटे गैलन, 20 मीटर पाइप, एक तेल मापक यंत्र, 11 अग्निशमन यंत्र व अन्य सामान बरामद हुए. बिस्तर के नीचे से 315 बोर का कट्टा भी मिला. पुलिस-प्रशासन ने छापेमारी की कार्रवाई पूरी तरह गोपनीय थी. बैतालपुर में डीजल-पेट्रोल के अवैध भंडारण व बिक्री का धंधा वर्षों से चलता आ रहा है. आसपास के कई गांवों के लोगों ने इस धंधे की बदौलत ही रसूख और प्रतिष्ठा कमाई. कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने इस धंधे के बल पर ही चंद वर्षों में करोड़ों की संपत्ति बना ली. उनकी झोपड़ियां और कच्चे मकान देखते ही देखते आलीशान कोठियों में तब्दील हो गए. स्थानीय पुलिस और सफेदपोशों के संरक्षण के चलते उन पर हाथ डालने की भी कोई जहमत नहीं उठाता.
बैतालपुर में आयल कंपनियों ने वर्ष 1994 में डिपो स्थापित किया. यहां बरौनी से रेलवे के माध्यम से डीजल-पेट्रोल पहुंचता है. इसे डिपो में संग्रहित कर टैंकर के माध्यम से पड़ोसी देश नेपाल सहित गोरखपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, जौनपुर, महराजगंज, मऊ (आंशिक) जिले के पेट्रोल पंपों को आपूर्ति दी जाती है. डिपो स्थापित होने के बाद से आसपास के इलाकों में रहने वालों की आर्थिक स्थिति में तेजी से बदलाव हुआ है. अवैध तेल के धंधेबाजों पर कार्रवाई के लिए प्रशासन ने सात वर्ष पूर्व भी ऐसे ही छापेमारी की थी. 16 अक्तूबर 2012 में तत्कालीन डीएम हृषिकेश भास्कर यशोद के नेतृत्व में भारी फोर्स ने एक-एक घरों में घुसकर घंटों तक तलाशी ली. दिन भर चले अभियान के बाद प्रशासनिक टीम ने 60 हजार लीटर अवैध डीजल-पेट्रोल बरामद किया था. धंधे में लिप्त 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.
कुछ समय तो इस धंधे पर अंकुश लगा रहा, लेकिन डीएम के तबादले और धंधेबाजों के जमानत पर बाहर आने के बाद फिर से परवान चढ़ गया. आयल डिपो से तेल की चोरी में टैंकर चालकों की भी संलिप्तता रही है. डिपो से तेल लेकर बाहर आते ही टैंकर चालक पहले से ही तय ठिकाने पर पहुंचते हैं. टैंकर के ऊपरी हिस्से में एपाइप लगाकर 20-25 लीटर तक तेल निकाल देते हैं. ये तेल वे स्थानीय धंधेबाजों को 40-45 रुपये प्रति लीटर डीजल और 55-60 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल की दर से बेच देते हैं. वहां से उसे बाजारों में अधिक दाम पर बेचा जाता है.
डिपो के आसपास तेल के अवैध भंडारण के साथ ही मिलावटी डीजल भी तैयार होता है. धंधेबाज साल्वेंट, ब्लीचिंग पाउडर और क्रेमोकेनिया पाउडर की मदद से मिट्टी के तेल को डीजल में तब्दील करते हैं. एक ड्रम मिट्टी का तेल (करीब 220 लीटर) से डीजल बनाने के लिए पहले 10 लीटर डीजल को एक बाल्टी में रखकर उसमें साल्वेंट, ब्लीचिंग पावडर व क्रेमोकेनिया पावडर को मिलाते हैं. कुछ देर में घोल बन जाने के बाद उसे ड्रम में उड़ेल दिया जाता है. पाइप और मिक्सिंग मशीन से उसे मिट्टी के तेल में अच्छी तरह मिलाया जाता है.