मैनपुरी: एक तरफ़ जहां पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक चर्चा का विषय बनी हुई है वहीं पुलवामा में शहीद हुए एक जवान के परिवार वालों ने आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप पर किये गए हमले पर सवाल खड़ा किया है.


पुलवामा में शहीद हुए मैनपुरी के जवान रामवकील की मां का कहना है कि वो आतंकवादियों पर किए गए हमलों और उनके मारे जाने की बात तब तक नहीं मानेंगी जब तक सरकार उनको आतंकवादियों के मारे जाने का सबूत नहीं दिखाती. शहीद के मां की उम्र करीब 80 वर्ष है. शहीद की मां ने कहा कि मेरे बेट रामवकील ने तो अपनी शहादत दे दी. देश को और उनके परिवार को उन पर गर्व है. दूसरी तरफ़ उनके परिवार वालों को ये विश्वास करना मुश्किल हो रहा है कि शहीद रामवकील की शहादत का बदला ले लिया गया है.


शहीद रामवकील के परिजनों ने सवाल उठाते हुए कहा कि आतंकियों के मारे जाने का अभी तक कोई सबूत सामने नहीं आया है, कुछ तो सबूत मिलना चाहिए. बता दें, एयरस्ट्राइक को लेकर विपक्षी दल भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिए हुए हैं.


शहीद की बहन ने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक करने का दावा कर रही है जिसमें 250 से 300 आतंकवादियों के मारे जाने की बात सामने आ रही है. पर हमें तब तक इसपर भरोसा नहीं होगा जबतक आतंकवादियों का लाश या उनके मारे जाने का सबूत सामने नहीं आते. उन्होंने कहा कि जिस तरह हम लोगों ने पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद शहीदों का शव देखा है उसी तरह उन आतंकवादियों के शव को भी सरकार को दिखाना चाहिए.


वहीं शहीद रामवकील की पत्नी गीता देवी का कहना है कि पाकिस्तान में की गई कार्रवाई का कोई सबूत नहीं मिल पाया है. जैसे मेरे पति का शव आया वैसे कुछ सबूत भी सामने आना चाहिए.


शहीद रामवकील के भाई रामनरेश ने एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए कहा कि PoK में भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक की है और उसमें 300 आतंकी मारे गए तो केंद्र सरकार को उसका सबूत देना चाहिए. एयरस्ट्राइक से कोई नुकसान हुआ है ये तो पाकिस्तान भी नहीं मान रहा है, पाकिस्तान कहता है कि उसके यहां कोई नुकसान नहीं हुआ है. ऐसे में सरकार जो एयरस्ट्राइक का दावा बिल्कुल झूठ लग रहा है.