लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने सदन के तीनों सदस्यों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं . एसपी के दो और बीएसपी के एक एमएलसी ने आज सुबह ही उन्हें अपने इस्तीफे सौंपे थे. रमेश यादव ने बताया कि एसपी नेता बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह और बीएसपी के ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफे मंजूर कर लिये गए हैं.


एसपी, बीएसपी और कांग्रेस ने हालांकि इन इस्तीफों के लिए सत्ताधारी बीजेपी को दोषी ठहराते हुए निन्दा की है. एसपी अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वह हाल ही में ईद पर बुक्कल नवाब से मिले थे और उन्हें इस बात पर हैरत है कि अचानक उनका हृदय परिवर्तन क्यों हो गया.


अखिलेश ने कहा कि बिहार में बड़े पैमाने पर राजनीतिक भ्रष्टाचार के बाद अब लगता है कि उत्तर प्रदेश में भी वैसा ही होगा . जनता देख रही है कि क्या हो रहा है . जिन्हें जाना है, जाएंगे. उन्हें रोका नहीं जा सकता.


उधर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा 'माणिपुर, गोवा...बिहार और फिर गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश का ताजा राजनीतिक घटनाक्रम इस बात का साफ प्रमाण है कि मोदी सरकार ने लोकतंत्र का भविष्य खतरे में डाल दिया है.' उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश के गैर-बीजेपी विधायकों को, जिसमें एसपी के दो एमएलसी और बीएसपी का एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह को भी बीजेपी सरकार के आगे अपने घुटने टेकने के बजाय, सरकार के शोषण और आतंक से हर प्रकार से मुकाबला करना चाहिए था...उनके आगे अपने हथियार कतई भी नहीं डालना चाहिए था.'


बुक्कल नवाब ने इस्तीफे के बाद कहा कि एसपी में पिछले एक साल से उनका दम घुट रहा था. अगर बुलाया गया तो वह बीजेपी नेतृत्व से मिलने को तैयार हैं. वहीं जयवीर सिंह ने आरोप लगाया कि बीएसपी रास्ते से भटक गई है इसलिए उन्होंने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है.


बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के आज राजधानी पहुंचने के दिन ही तीन विधान परिषद सदस्यों के इस्तीफे इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बीजेपी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अपने पांच मंत्रियों के बारे में फैसला लेना है. पांचों ही विधानसभा या विधान परिषद दोनों में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.


योगी के अलावा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मोहसिन रजा इस समय किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.