लखनऊ: जिस नेता को मायावती ने अपने घर के बाहर गिरफ़्तार करवाया था, अब उनकी बीएसपी में घर वापसी हो गई है. उमाकांत यादव जब सांसद थे, तो उस समय मायावती यूपी की सीएम थीं. बात 2007 की है. उमाकांत पर आज़मगढ़ में जबरन एक घर गिरवाने का आरोप लगा. मायावती ने उन्हें लखनऊ में अपने घर बुलवाया. बाहर पुलिस खड़ी थी. उमाकांत यादव को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया. वे लंबे समय तक जेल में रहे. सीएम रहते मायावती के इस फैसले से सब हैरान रह गए. उन्हीं उमाकांत यादव को बहुजन समाज पार्टी में शामिल कर लिया गया है. हो सकता है वे चुनाव भी लड़ें.


गेस्ट हाउस कांड में भी आरोपी हैं उमाकांत


उमाकांत यादव गेस्ट हाउस कांड के आरोपी भी हैं. 2 जून 1995 की ये घटना है. उस समय मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम थे. बीएसपी और समाजवादी पार्टी की गठबंधन वाली सरकार थी. बीएसपी ने सरकार से समर्थन लेने का फ़ैसला कर लिया था. लखनऊ के मीरा बाई गेस्ट हाउस में मायावती मीटिंग कर रही थीं. उस समय समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने हमला कर दिया.


मायावती के कपड़े तक फाड़ने की कोशिश की गई. बीएसपी नेताओं के साथ मार-पीट करने वालों में उमाकांत यादव भी थे. लेकिन ये राजनीति का गणित है और अब मायावती ने उन्हें माफ़ कर दिया है. उमाकांत तब जौनपुर के खुटहन से विधायक थे. उनके भाई रमाकांत यादव बीजेपी में हैं. वे आज़मगढ़ से कई बार सांसद रह चुके हैं. रमाकांत के बेटे अरूण यादव बीजेपी के विधायक हैं. आज़मगढ़ से लेकर जौनपुर जिले तक इस परिवार का सालों से दबदबा रहा है.