बलिया: पुलिस और अपराधी आमने सामने हों और पुलिस की बंदूक से गोली ही न चले तो क्या होगा, कुछ ऐसा ही बलिया में हुआ है. मौका था दंगा नियंत्रण रिहर्सल का और पुलिस की पोल पट्टी खुल गई. रिहर्सल के दौरान पुलिस का एक जवान आंसू गैस के गोले दागने की कोशिश कर रहा था, लाख कोशिशों के बाद भी आंसू गैस दागा नहीं जा सका. इस कार्यक्रम में पुलिस के मुखिया भी मौजूद थे.
इस मामले पर एसपी ने कहा कि इसिलिए तो ट्रेनिंग करवाई जा रही है ताकि जो भूल गए हैं वो दोबारा सीख लें.
ऐसा एक मामला संभल में भी सामने आया था, पर वहां पुलिस के हथियार ने किसी ररिहर्सल में नहीं बल्कि मुछभेड़ के दौरान घोखा दिया था. यूपी की संभल पुलिस बदमाशों का पीछा करते हुए एक जंगल में पहुंची थी और जब बदमाशों पर गोली चलाने की बारी आई तो पुलिस वालों की बंदूक ने धोखा दे दिया. जब बंदूक नहीं चली तो दारोगा ने मुंह से ही गोली चलने की आवाज निकालनी शुरू कर दी.
दरोगा द्वारा मुंह से ठांय..ठाय.. की आवाज निकालने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया था. इस वीडियो को देखने के बाद लोगों ने पुलिस की मुठभेड़ पर सवाल उठाया और कहा कि अब यूपी पुलिस बदमाशों को मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालकर पकड़ेगी.
वहीं एएसपी ने इस वीडियो पर सफाई देते हुए कहा है,''मारो..घेरो जैसे शब्दों का इस्तेमाल बदमाशों पर मेंटल प्रेशर बनाने के लिए किया जाता है. जहां तक बंदूक न चलने की बात है तो वह तकनीकि खराबी की वजह से हुई थी.''
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