वाराणसी: उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना समेत कई नदियां उफ़ान पर हैं. वाराणसी, प्रयागराज, गाज़ीपुर, बलिया, बांदा, जालौन और हमीरपुर समेत कई ज़िले इस वक़्त बाढ़ की चपेट में हैं. सभी नदियां फ़िलहाल ख़तरे का निशान पार कर गई हैं. एमपी से पानी छोड़े जाने की वजह से लगातार स्थिति गंभीर होती जा रही है.


वाराणसी में गंगा का जलस्तर 71.32 मीटर पर पहुंच गया है. अस्सी घाट तक जाने वाली मुख्य सड़क पर पानी डेढ़ फुट तक पहुंच चुका है. इसका अलावा मणिकर्णिका घाट पर शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को घंटों लाइनों में लगना पड़ रहा है. घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं बची है.


वहीं प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियों के जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है. बाढ़ से कई मोहल्ले और तटीय इलाके जल मग्न हो गए हैं. लोगों के घरों में भी बाढ़ का पानी घुस चुका है. एनडीआरएफ़ की टीम राहत बचाव में जुटी हुई है. मॉनसून खत्म होने के कगार पर है लेकिन यूपी के कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात अब भी बने हुए हैं. यही हाल वाराणसी शहर का भी है. जहां गंगा का पानी निचले इलाकों में घुस गया है.


हालात यह है कि गंगा ने नई कालोनियों को अपनी चपेट में ले लिया है. लोग सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच रहे हैं या फिर अपनी जगह पर बैठकर गंगा के शांत होने का इंतजार कर रहे हैं.अस्सी घाट की सीढ़ियां मारकर यहां भी गंगा के पानी ने गली का रास्ता अपना लिया है. अक्सर सूखी सूखी सी रहने वाली कृशकाय वरुणा नदी का स्वास्थ्य इन दिनों देखने लायक है. अपने निर्धारित तटबंधों की ऐसी तैसी कर वरिता ने अपने निकटवर्ती मोहल्लों को ग्रास बनाना शुरु कर दिया है. खुरी पंचक्रोशी सहित सैकड़ों मोहल्लों में वरिता का पानी लहरा रहा है. बाढ़ प्रभावित इन इलाकों के लोग सांसत में हैं. इन मोहल्लों की गलियां सड़कें गुम हो गई हैं. इन स्थानों पर नावें और प्लास्टिक की डोंगियां चलाई जा रही हैं.