वाराणसी: लोकसभा चुनावों के दौरान गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए वाराणसी पुलिस प्रशासन जेल में बंद कैदियों को गैर जनपद की जेलों में शिफ्ट करने की कवायद में लगा है. इन कैदियों में मुलायम यादव उर्फ सुरेंद्र यादव का नाम भी शामिल है, जो मुबारकपुर और रौनापार में जहरीली शराब से हुई 86 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इस मामले में गनिका यादव सहित अन्य का नाम भी शामिल है.


इस बाबत एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस उन अपराधियों की कुंडली खंगाल रही है, जो जेल में बंद रहते हुए भी अपने गैंग के जरिये बाहर अपराध को अंजाम देते हैं. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए जेल में वाराणसी की जेलों में बंद कई नेताओं और अपराधियों को दूसरी जेलों में शिफ्ट कराया जा सकता है. पुलिस ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर रही है जो जेल में रहकर ही कानून व्यवस्था के लिए चुनौती खड़ी कर सकते हैं और शांतिपूर्ण चुनावों के लिए खतरा बन सकते हैं.


पुलिस ने जिन बंदियों की शिफ्ट करने के लिए पहचान की है, उनमें शराब माफिया और पूर्व विधायक सुरेंद्र मिश्रा, कांग्रेस नेता और वकील के हत्या के आरोपी पूर्व मंत्री अंगद यादव, एआईएमआईएम के पूर्व डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट कलीम जामई के नाम शामिल हैं. पुलिस का मानना है कि ऐसे बंदी अपने तगड़े राजनीतिक रसूख के चलते जेल से ही अपने गोरखधंधे को अंजाम देते हैं.


इसके अलावा जिन क्रिमिनल्स की पहचान की गई है, उसमें सुपारी किलर्स और गैंग लीडर्स शामिल हैं. इनमें सचिन पांडेय, धर्मेंद्र पासी, वैभव उर्फ छोटू, दिनेश भाटी, श्यामबाबू पासी जैसे क्रिमिनल्स के नाम शामिल हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये सभी क्रिमिनल्स किसी की भी सुपारी लेकर जेल में रहते हुए किसी की भी जान लेने की साजिश रचने में माहिर हैं.