मेरठ के एसपी सिटी का वीडियो वायरल, उपद्रवियों को कहा- 'पाकिस्तान चले जाओ'
20 दिसंबर 2019 को मेरठ में जमकर बवाल हुआ था. एक पुलिस थाने में आग लगा दी गई थी. सरकारी सम्पत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया था.
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा भड़कने के बाद अब कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. लेकिन एक वीडियो सबसे ज्यादा चर्चा में है. इस वायरल वीडियो में मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण उपद्रवियों को खदेड़ते हुए उन्हें पाकिस्तान जाने के लिए कह रहे हैं. एसपी सिटी के साथ एडीएम सिटी भी मौजूद हैं. एसपी सिटी दंगाइयों को कह रहे हैं कि काली पट्टी बांध रहे हो तो तुम्हारी जिंदगी भी काली हो जाएगी. खाते यहां का हो और गाते कहीं और का हो. यह वीडियो 20 दिसंबर का है.
उपद्रवी हिंसा के दौरान इस कदर आक्रोशित थे कि जुमे की नमाज के बाद उपद्रवी एकदम से सड़क पर आ गए थे, जिसके बाद मेरठ में हिंसा भड़क गई थी. लाखों की सरकारी संपत्ति का नुकसान कर दिया गया था.
इस वीडियो के वायरल होने से मेरठ पुलिस की काफी फजीहत होने के बाद जब इस मामले पर एसपी सिटी अखिलेश नारायण से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि कुछ लड़के हिंसा भड़काने की तैयारी में हैं. हमलोग जैसे वहां पहुंचे लड़के पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. इसलिए उन्हें ऐसा कहा गया. उन लड़कों की पहचान भी कर ली गई है और मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी.
वीडियो अखिलेश नारायण सिंह को कहते हुए सुना जा सकता है कि ''जो काली पट्टी बांध रहे हों, बता रहा हूं. वो पाकिस्तान चले जाएं. फ़्यूचर काला होने में सेकेंड भर लगेगा, एक सेकेंड में सब काला हो जाएगा. जिंदगी भी काली हो जाएगी. देश में नहीं रहने का मन है तो चले जाओ. खाओगे यहां, गाओगे कहीं और का. उसके बाद उन्होंने कहा कि इस गली को मैं और गली मुझे याद हो गई है, याद रखना मुझे याद हो जाता है तो मैं नानी तक पहुंचता हूं. सबकी फोटो ले ली गई है. याद रखना. अगर कुछ हुआ तो तुम लोग भी क़ीमत चुकाओगे.''
भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता- प्रियंका गांधी
इस मामले को लेकर अब सियासत भी गरमा गई है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिक जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस भी अधिकारी ने इस तरह की बात कही है उसे बर्खास्त ही नहीं गिरफ्तार भी किया जाना चाहिए. वहीं तारिक अनवर का कहना है कि अगर पुलिस का कोई सीनियर अधिकारी इस तरह की बातें कर रहा है तो समझ लीजिए देश कहां जा रहा है.
मेरठ के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा- पद्रवी देश विरोधी नारे लगा रहे थे
इस मामले पर मेरठ के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि उपद्रवी देश विरोधी नारे लगा रहे थे. पुलिस पर पथराव कर रहे थे. स्थिति बहुत तनावपूर्ण थी. पीएफआई के पर्चे बांटे जा रहे थे. वो लोग अपील के बावजूद भी ऐस कर रहे थे, जिसमें धार्मिक नेता भी शामिल थे. उन्होंने आगे कहा, ''हां अगर स्थिति सामान्य होती तो शब्दों का चुनाव बेहतर हो सकता था, लेकिन उस दिन स्थिति बेहद तनावपूर्ण थी, हमारे अधिकारियों ने बहुत संयम दिखाया, पुलिस ने कोई गोलीबारी नहीं की.
योगी सरकार के सूचना सलाहकार ने मेरठ के एसपी को किया सेल्यूट
यूपी सरकार में सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने मेरठ के एसपी को उनके बयान के लिए सेल्यूट किया है. उन्होंने इसे लेकर ट्वीट भी किया है जिसमें लिखा है, ''सैल्यूट है मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह को, पाकिस्तान ज़िंदाबाद और भारत मुर्दाबाद के नारे लगा रहे उपद्रवियों को करारा जवाब देने के लिए, अब कुछ तथाकथित प्रबुद्धों को अफ़सोस है कि भारत मुर्दाबाद और पाकिस्तान ज़िंदाबाद बोलने वाले ग़द्दारों को पाकिस्तान जाने को क्यूँ कहा !!''
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