लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक स्कूल प्रबंधक द्वारा बोर्ड परीक्षा में छात्रों को नकल के लिए उकसाने का वीडियो सामने आया है. वीडियो में नजर आ रहा है कि कॉलेज प्रबंधक छात्रों से कह रहे हैं कि परीक्षा कक्ष में आपस में बात करना नकल की श्रेणी में नहीं आता है. कोई एक या दो थप्पड़ मार भी दे तो सहन कर लेना. हर सवाल का जवाब लिखना. बात ना बने तो उत्तर पुस्तिका में 100 का नोट रख देना. कॉपी जांचने वाला आंख बंदकर पास कर देगा. वीडियो वायरल होने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के निर्देश पर प्रबंधक के खिलाफ जांच शुरू हो गई है.


मऊ जिले के मधुबन में हरिवंश मेमोरियल इंटर कॉलेज के प्रबंधक प्रवीण मल्ल ने बोर्ड परीक्षा से पहले परीक्षार्थियों के लिए फेयरवेल पार्टी का आयोजन किया. पार्टी के दौरान ही मल्ल ने कुछ अभिभावकों की उपस्थिति में बच्चों को राज्य सरकार द्वारा नकल को रोकने के लिए किए गए उपायों की जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक सख्ती से डरने की जरुरत नहीं है. मैं चुनौती दे सकता हूं कि मेरे छात्रों में से कोई भी कभी भी असफल नहीं होता है. वीडियो में प्रबंधक को कहते सुना जा सकता है कि डरने की कोई जरुरत नहीं है. आप एक-दूसरे से बात करें, यह ठीक है. सरकारी स्कूल, परीक्षा केंद्रों के शिक्षक मेरे दोस्त हैं. कोई जवाब ना छोड़ें. भले ही आप किसी प्रश्न का गलत उत्तर दें, जो चार अंकों के लिए हो, वे आपको तीन अंक देंगे.


अगर लगता है कि ज्यादा नहीं लिख पाए हो तो कापी में सौ रुपया जरूर छोड़ देना. रुपया पाने पर शिक्षक पासिंग मार्क तो दे ही देगा. उन्होंने जय हिंद, जय भारत नारे के साथ संबोधन का समापन किया. वायरल वीडियो के बाद मऊ के जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की वार्षिक परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हुई हैं. इस परीक्षा में इंटरमीडिएट के 25,84,511 छात्र तो हाईस्कूल के 30,20,607 छात्र भाग ले रहे हैं.


कुल 56,07,118 परीक्षार्थियों की निगरानी के लिए 1 लाख 91 हजार सीसीटीवी लगाए गए हैं. नकल विहीन परीक्षा के लिए करीब 700 संवेदनशील और 275 अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर प्रशासन की खास नजर है. लखनऊ स्थित कंट्रोल रूम में 60 मॉनिटर लगाए गए हैं. वहीं हर जिले में भी कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां जिलाधिकारी द्वारा नामित प्रशासनिक अधिकारी तैनात किया गया है.


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