लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है, वहीं जिन प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें विभिन्न जिलों में पहचान के लिए चस्पा की गई हैं, वे कानून से बचने के लिए हुलिया बदल रहे हैं. 'वांछित' लोगों की सूची में जिन युवाओं की तस्वीरें लगी हैं वे लखनऊ, कानपुर और मेरठ के स्थानीय सैलूनों पर दाढ़ी बनवा रहे हैं, बाल कटा रहे हैं.


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम अब ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए सादा कपड़ों पहने पुलिसकर्मियों को सैलूनों पर तैनात कर रहे हैं जो यह सोचते हैं कि दाढ़ी बनवाकर और बाल कटवाकर वे कानून से बच सकते हैं. हम सैलून मालिकों को भी पोस्टर दे रहे हैं और ऐसे तत्वों की पहचान के लिए उनकी सहायता ले रहे हैं. संदिग्धों की पहचान के लिए हम सैलून और आसपास लगे सीसीटीवी खंगाल रहे हैं."


पोस्टरों में अपनी तस्वीर देखकर दाढ़ी बनवाने वाले एक युवक ने स्वीकार किया कि उसने अपनी दाढ़ी बनवाई है.


उसने कहा, "मैं किसी भी पथराव या हिंसा में शामिल नहीं था. जब हिंसा शुरू हुई तो मैं सिर्फ यह देखने के लिए अपने घर से बाहर निकला कि क्या हो रहा है और अब मैं अपनी तस्वीर (फरार लोगों में) देख रहा हूं. मैंने दाढ़ी बनवा ली क्योंकि मैं जानता हूं कि पुलिस मेरा विश्वास नहीं करेगी."


जहां पुलिस हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में स्थित सैलूनों पर फोकस कर रही है, वहीं हुलिया बदलवाना चाह रहे प्रदर्शनकारी दूर स्थित सैलूनों का विकल्प देख रहे हैं.


एक सूत्र ने कहा, "इन दिनों फोन करने पर घर पर ही सैलून सेवा मिल रही है. लोग दाढ़ी बनाने के लिए घर पर ट्रिमर का भी प्रयोग कर रहे हैं."


योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएए और एनआरसी को लेकर अफवाह फैलाने वालों में डर पैदा करने वाली कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. योगी ने वाराणसी के सर्किट हाउस में जिले की कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि संशोधित नागरिकता कानून एनआरसी और एनपीआर के बारे में अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाए ताकि ऐसे तत्वों के मन में डर पैदा हो.


हिंसा की जांच करेगी एसआईटी


गौरतलब है कि यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ये फैसला किया है कि राज्य में हुई हिंसा की जांच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) करेगी. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी.सिंह ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं. डीजीपी ने कहा कि प्रत्येक जिले में एसआईटी जांच की अगुवाई एडिशनल एसपी रैंक का अधिकारी करेगा. एसआईटी जांच का नेतृत्व जिले के एडिशनल एसपी (क्राइम) या एडिशनल एसपी (सिटी) करेंगे. जिन जिलों में एएसपी क्राईम का पद नहीं है वहां एएसपी सिटी होंगें एसआईटी प्रमुख होंगे.


यूपी में 20 से ज्यादा जिलों में हुई थी हिंसा


पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद यूपी में 20 से ज्यादा जिलों में हिंसा हुई थी. ऐसे में इस बार यूपी पुलिस के चुनौती है. जगह-जगह पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है. इसके साथ ही जिलों के सीनियर अधिकारी मौलानाओं और मुस्लिम संगठनों के नेताओं से मिलकर शाति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं.


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