कौशांबी: यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए विभाग के आलाधिकारी चाहे जितनी कोशिशें कर रहे हो, लेकिन पुलिस के रवैये में कोई सुधार नहीं आया है. ताजा मामला कौशांबी जिले का है. जहां पुलिस उत्पीड़न से परेशान एक महिला ने मुख्यमंत्री को अपने खून से पत्र लिखकर पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वृहस्पतिवार की शाम मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने महिला के पति और बेटे समेत तीन लोगों को पकड़ कर कोतवाली लाई. और उन्हें कमरे में बंद कर जमकर मारा पीटा गया.
पुलिस द्वारा की गई इस बर्बर पिटाई से महिला के पति के हाथ में फैक्चर हो गया है. जबकि उसके बेटे और दूसरे युवक के शरीर मे गंभीर चोटें आई है. पुलिसिया बर्बरता से पीड़ित महिला जब जिले के पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची तो उन्होंने पीड़िता की शिकायत सुनने के बजाए उसे दफ्तर से ही भगा दिया गया. महिला के पति वसीम अहमद का डॉक्टर अरूप बनर्जी से पैसों के लेनदेन का विवाद चल रहा है. अरूप बनर्जी की शिकायत पर मंझनपुर कोतवाली पुलिस वसीम उसके बेटे व एक अन्य युवक को पकड़कर कोतवाली लाई थी. जबकि वसीम और अरूप बनर्जी के बीच चल रहा विवाद कोर्ट में विचाराधीन है.
कौशांबी के मूरतगंज कस्बे का रहने वाला वसीम अहमद जमीनों की खरीद फरोख्त का काम किया करता है. जिस काम मे प्रयागराज का रहने वाला डॉक्टर अरूप बनर्जी भी उसका पार्टनर हुआ करता था. दोनों के बीच छह माह पहले पैसों के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था. जिस पर वसीम ने पूरे मामले को लेकर न्यायालय में मुकदमा दायर कर रखा है. जिससे नाराज अरूप बनर्जी ने दो दिन पहले पुलिसिया साठगांठ कर वसीम के खिलाफ मंझनपुर कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया. जिसके बाद इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह ने अपने हमराहियों के साथ तीनो को पकड़ कर थाने ले आये. और उन्हें कमरे में बंदकर बेरहमी से जमकर मारा पीटा गया. आरोप है कि पुलिस पीड़िता से एक लाख रुपये लेने के बाद उसके पति वसीम और बेटे समेत तीनो लोगों को कोतवाली से छोड़ा था.
पुलिस की गिरफ्त से छूटने के बाद वसीम और खुशी केसरवानी अपना इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे. जहां डाक्टरों ने उसके शरीर में कई स्थानों पर चोट के निशान पाया. पुलिस की पिटाई से जहां वसीम का एक हाथ फैक्चर हो गया है. वहीं जमकर बरसाए गए लाठी डंडो के चलते वसीम के बेटे और उसके साथी की शरीर पर चोटों के गहरे निशान पड़े हुए है.
मंझनपुर कोतवाली पुलिस द्वारा की गई इस बर्बरता की शिकायत करने ख़ुशी और वसीम जब पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचे तो उन्होंने ने दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाई करने के बजाए पीड़ित युवकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. पुलिस अफसरों ने इन्साफ की आस खो चुके ख़ुशी वसीम व् वसीम की पत्नी शाहिदा ने अपने खून से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाई किये जाने की मांग की है.
पुलिस पर लगे आरोपों के बाबत एसपी प्रदीप गुप्ता से बात करने की तमाम कोशिश की गई लेकिन वह इस मामले कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. कैमरे के सामने बोलने से कतराने वाले पुलिस अफसरों ने मामला तूल पकड़ता देख कौशाम्बी पुलिस के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट पर अपना पक्ष रखा है.जिसमें पुलिस ने लिखा है कि "उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में पुलिस द्वारा मारपीट का आरोप लगाए जाने वाले पक्ष के एक व्यक्ति पर दूसरे पक्ष के 60 लाख रुपये वापस न करने के सम्बन्ध में थाना स्थानीय पर अभियोग पंजीकृत है. जिसे पूंछ-तांछ के लिए बुलाया गया था, लगाए गए आरोपों की जांच करा कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी."
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