इस दौरान प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, "चुनार के किले पर मुझसे मिलने आए उभ्भा गांव के पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मैंने वादा किया था कि मैं उनके गांव आऊंगी. आज मैं उभ्भा गांव के बहनों-भाइयों और बच्चों से मिलने, उनका हालचाल सुनने-देखने, उनका संघर्ष साझा करने सोनभद्र जा रही हूं."
इससे पहले प्रियंका गांधी से बाबतपुर एयरपोर्ट पर मीडिया ने कई बार बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह बचती रहीं. हवाईअड्डा पहुंचने के बाद एयरपोर्ट के वीआईपी गेट के बाहर निकलने के बाद कतारबद्घ खड़े कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं से उन्होंने मुलाकात की. उसके बाद प्रियंका सड़क मार्ग से सोनभद्र के लिए प्रस्थान कर गई.
उनके साथ पूर्वाचल के कई जिलों के कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी चल रहे हैं. प्रियंका सोनभद्र के उभ्भा में नरसंहार के पीड़ितों के साथ रहेंगी. इसके लिए उभ्भा के प्राथमिक विद्यालय में व्यवस्था की गई है. प्रियंका के वाराणसी-शक्तिनगर राज्यमार्ग से रॉबर्ट्सगंज से होते हुए उभ्भा जाने को लेकर पुलिस अलर्ट है. जिला प्रशासन हर हरकत पर नजर बनाए हुए है. उधर उभ्भा गांव में पूर्वांचल के कांग्रेसी नेता बड़ी संख्या में जुटने लगे हैं.
गौरतलब है कि 17 जुलाई को भूमि पर कब्जा करने को लेकर उभ्भा गांव में नरसंहार हुआ था. उसमें दस लोगों की जान चली गई थी और 28 लोग घायल हो गए थे. घटना के दो दिन बाद ही 19 जुलाई को प्रियंका वाड्रा पीड़ितों से मिलने के लिए आ रही थीं. रास्ते में ही उन्हें नारायणपुर में रोक दिया गया. इस दौरान वह वहीं धरने पर बैठ गईं. इसके बाद उन्हें नारायणपुर से चुनार स्थित अतिथि गृह ले जाया गया. जहां उन्होंने रात गुजारी. वहीं पहुंची उभ्भा गांव की महिलाओं से मिलकर प्रियंका वापस चली गई थीं.
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