प्रयागराज: इक्कीस जून को पड़ने वाले विश्व योग दिवस को कुंभ के शहर प्रयागराज में ख़ास अंदाज़ में मनाए जाने की तैयारी की गई है. यहां लोगों को सूर्य नमस्कार की बारह मुद्राओं का अभ्यास कोई योग टीचर नहीं, बल्कि फाइबर से ख़ास तौर पर तैयार की गई मूर्ति कराएंगी.
कमल के फूल के प्रतीक पर तैयार कराई गई चालीस फिट गोलाई की इस मूर्ति को बंगाल के बारह कलाकारों ने तकरीबन महीने की कड़ी मशक्कत के बाद तैयार किया है. योग पर आधारित यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति होगी, जिसका औपचारिक अनावरण चौबीस जून को यूपी के गवर्नर राम नाइक करेंगे.
अगर आप योग करना चाहते हैं और आपको सूर्य नमस्कार की सभी बारह मुद्राओं की जानकारी नहीं है तो आप कुंभ नगरी प्रयागराज आ सकते हैं. यहां उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र यानी एनसीजेडसीसी में ख़ास तौर पर तैयार की गई मूर्ति आपको सूर्य नमस्कार के सभी बारह आसन करना सिखा देगी. यह बात कुछ पलों के लिए आपको हैरत में डाल सकती है, लेकिन है पूरे सौ फीसदी सच.
दरअसल भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सात राज्यों की संस्था एनसीजेडसीसी ने योग को लेकर ख़ास मूर्ति तैयार कराई है. इसे कमल के फूल की आकृति पर तैयार किया गया है. इसमें चालीस फिट की गोलाई में तेरह मूर्तियां समाहित हैं. बारह पंखुड़ियों पर सूर्य नमस्कार की सभी बारह मुद्राओं को प्रदर्शित करने वाली अलग-अलग मूर्तियां हैं तो बीच में योग करते एक शख्स को प्रतीकात्मक तौर पर दिखाया गया है.
इस कलाकृति को बंगाल से आए बारह कलाकारों ने तकरीबन ढाई महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया है. इसका मकसद सांस्कृतिक केंद्र आने वाले कलाप्रेमियों को योग के प्रति जागरूक करने और उन्हें इस मूर्ति के ज़रिये सूर्य नमस्कार की सभी बारह मुद्राओं की जानकारी देना है. देश में दिल्ली एयरपोर्ट के बाद यह योग पर आधारित दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति है.
सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक इंद्रजीत ग्रोवर के मुताबिक़ इसे तैयार करने में तकरीबन ढाई लाख रूपये का खर्च आया है. तेरह मूर्तियों की इस सामूहिक कलाकृति का औपचारिक अनावरण यूपी के गवर्नर राम नाइक चौबीस जून को होने वाले एक समारोह में करेंगे. उनके मुताबिक़ इस तरह की अनूठी कलाकृति को सांस्कृतिक केंद्र के दायरे में आने वाले सभी सातों राज्यों में लगाए जाने की योजना है.
फाइबर की इस कलाकृति को इतनी ख़ूबसूरती से तैयार किया गया है कि पहली नज़र में देखने पर ऐसा लगता है मानो इसमें लगी मूर्तियां बोल उठेंगी. योग के जानकारों के मुताबिक़ योगविद्या का सबसे अहम आसन सूर्य नमस्कार होता है. सूर्य नमस्कार में बारह क्रियाएं होती हैं और इन सभी का अपना अलग महत्व होता है. सांस्कृतिक केंद्र की योग ट्रेनर डा० दीप्ति योगेश्वर के मुताबिक़ मूर्ति को इस तरह तैयार किया गया है, जिससे लोग सूर्य नमस्कार की सभी बारह क्रियाओं को आसानी से समझ सकें और उनका अनुसरण कर सकें.
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देश में सात सांस्कृतिक केंद्र खोले हैं. प्रयागराज का उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र यूपी समेत सात राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है. यहां साल भर सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, जिनमे बड़ी संख्या में कलाप्रेमी आते हैं. ऐसे में सूर्य नमस्कार की बारह मुद्राओं को दर्शाने वाली कलाकृति न सिर्फ लोगों को जानकारी मुहैया कराएगी, बल्कि उनके बीच आकर्षण का केंद्र भी रहेंगी.
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